शासकीय कर्मचारियों के साथ धोखा,संगठनों का नहीं सुना पक्ष और सौंप दी रिपोर्ट,नाराज हो रहे कर्मचारी संगठन
प्रदेश के अलग-अलग विभागों में काम कर शासकीय कर्मचारियों को मिल रहे सातवें वेतनमान की जो विसंगतियां थीं,उन्हे दूर करने के लिए कर्मचारी आयोग ने कर्मचारी संगठनों का पक्ष ही नहीं सुना| सामान्य प्रशासन विभाग को समय-समय पर संगठनों से जो मांग पत्र प्राप्त हुए उसके आधार पर आयोग के अध्यक्ष जीपी सिंघल ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से कुछ दिन पूर्व वर्ष 2023 में अनुशंसा कर दी| वित्त विभाग अब इसका परीक्षण करेगा और फिर आगे की प्रक्रिया होगी| उधर साढ़े चार लाख पेंशनरों के नियमों से जुड़ी एक रिपोर्ट डेढ़ वर्ष पूर्व आयोग ने सरकार दी दी थी लेकिन वित्त विभाग ने उस पर आज तक कोई निर्णय नहीं लिया है| कर्मचारियों से जुड़ी विभिन्न मांगो पर विचार करने के लिए कमल नाथ सरकार ने पूर्व अपर मुख्य सचिव अजय नाथ की अध्यक्ष में कर्मचारी आयोग बनाया था| शिवराज सरकार ने नाथ के स्थान पर जीपी सिंघल को जिम्मेदारी सौंपी| उन्होने पहली ही बैठक में स्पष्ट कर दिया था कि वे कर्मचारी संगठनों से भेंट नहीं करेंगे| शासन से जो मांग पत्र मिलेंगे,उसके आधार पर ही विचार करेंगे| स्टेनोग्राफर,तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन की विसंगति को सौंप गए,उसके आधार पर ही आयोग ने रिपोर्ट दे दी|
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