शासकीय कर्मचारियों को हाई कोर्ट से बड़ा झटका,प्रमोशन से इंकार किया तो होगी दिक्कतें

मध्य प्रदेश के शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट की फुल बेंच ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई कर्मचारी पदोन्नति लेने से इंकार करता है तो वह न तो क्रमोन्नति का हकदार होगा और न ही उसे समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने इस फैसले में राज्य सरकार के रुख को सही ठहराते हुए यह व्यवस्था दी है कि पदोन्नति से इनकार करने वाले कर्मचारियों को भविष्य में किसी भी तरह की वेतन वृद्धि या पदोन्नति का अधिकार नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि इंदौर खंडपीठ में विचाराधीन इस मामले में यह सवाल उठाया गया था कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी पदोन्नति नहीं लेना चाहता, तो उसे क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान का लाभ मिलना चाहिए। पहले हाईकोर्ट ने लोकल फंड ऑडिट विभाग के कर्मचारी लोकेन्द्र अग्रवाल के मामले में यह निर्णय दिया था कि पदोन्नति से इनकार करने के बावजूद कर्मचारी को दी गई क्रमोन्नति वापस ली जा सकती है। इसी तर्क को आधार बनाकर याचिकाकर्ता रमेशचन्द्र पेमनिया ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
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