जो शासकीय कर्मचारी पदोन्नति से इनकार करते हैं उन्हें क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया जाएगा,जारी हुआ आदेश

मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत शासकीय कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही है। मध्य प्रदेश में इस प्रक्रिया को "उच्च पद का प्रभार" नाम दिया गया है। इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने दिनांक 23 सितंबर 2002 को परिपत्र जारी करके बताया था कि, जो कर्मचारी पदोन्नति से इनकार करते हैं उन्हें क्रमोन्नति का लाभ दिया जाएगा या नहीं। जिस पर 29 अगस्त को एक संशोधन किया गया है। सुमन रायकवार, अवर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक 887 दिनांक 29 अगस्त 2024 में लिखा है कि, इस विभाग का परिपत्र क्र० एफ 1-1/1/वेआप्र/99, दिनांक 23.9.2002. की कंडिका-4 द्वारा ये निर्देश जारी किए गए थे कि "ऐसे शासकीय सेवक, जिन्हें क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है, को जब उच्च पद पर पदोन्नत किया जाता है और वो ऐसी पदोन्नति लेने से इंकार करता है तो उसे प्रदान किए गए क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाएगा, साथ ही, पदोन्नति आदेश में भी इसका स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि यदि शासकीय सेवक इस पदोन्नति का परित्याग करता है तो उसे पदोन्नति के एवज में, पूर्व में प्रदान किए गए क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाएगा।" "इस योजना के अंतर्गत उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ लेने के बाद अगर कोई कर्मचारी बाद में नियमित पदोन्नति स्वीकार करने से इंकार करता है तो उसे पूर्व से स्वीकृत उच्चतम वेतनमान के अंतर्गत वित्तीय लाभ वापस नहीं लिया जाएगा, लेकिन बाद में उसे कोई उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ देय नहीं होगा।" इस मामले में निर्देश जारी होने के दिनांक से प्रभावशील होंगे तथा पुराने निर्णित प्रकरण पुनः नहीं खोले जायेंगे।
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