बीजेपी में हावी ग्वालियर-चंबल वाद,नहीं चाहते विंध्य से निकले कोई मजबूत नेत्रृत्व

पिछले कुछ सालों से एमपी बीजेपी में ग्वालियर-चंबल के नेताओं का लगातार प्रभुत्व रहा है। जबकि उसके उलट विंध्य की जनता ने जिस प्रकार से बीजेपी पर विश्वास दिखाया उस हिसाब से एमपी बीजेपी (mp bjp) के नेताओं ने कभी भी विंध्य में किसी भी नेता को पनपने नहीं दिया। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव के दौरान केन्द्रीय नेत्रृत्व को विंध्य की कमान खुद हाथ में लेनी पड़ी जिसका नतीया यह निकला कि विंध्य की जनता ने बीजेपी के केन्द्रीय नेत्रित्व को मायूस नहीं किया और झोली भर कर सीटें दी। राजेन्द्र शुक्ला को छोड़ दिया जाए तो एमपी बीजेपी में जिस प्रकार ग्वालियर-चंबल वाद हावी है उसी का नतीजा है कि विंध्य की जनता को सिर्फ वोटबैंक के रुप में ग्वालियर-चंबल के नेता इस्तेमाल करते रहे हैं। विंध्य क्षेत्र आज भी विकास के मामले में एमपी के अन्य क्षेत्रों से काफी पीछे है। जबकि राजश्व का 30% हिस्सा अकेले विंध्य से राज्य सरकार को मिलता है। ग्वालियर-चंबल की बात करें तो वहां से कद्वार नेताओं में नरेन्द्र सिंह तोमर,डॉ. नरोत्तम मिश्रा,वीडी शर्मा,ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अनेक नाम हैं जो एमपी बीजेपी को चला रहे हैं लेकिन विंध्य में बात करें तो अकेले राजेन्द्र शुक्ला के अलावा ऐसा एक भी चेहरा नहीं है जो बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की श्रेणी में आता हो। जबकि गिरीश गौतम,दिब्यराज सिंह,गणेश सिंह,रीती पाठक जैसे अनेक नेता हैं जो लगातार जीत का पर्चम लहरा रहे हैं लेकिन बीजेपी में इन सभी की हालत क्या है ये किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की राजनीतिक पृष्ठभूभि भी एमपी से रही है। आज जहां सै वो सांसद हैं उस संसदीय क्षेत्र का आधा हिस्सा विंध्य का ही है फिर भी विंध्य को लगातार अनदेखा कर अन्य क्षेत्र के नेताओं को ही बीजेपी में आगे बढ़ाया जाता है। विंध्य में बीजेपी के नेता राजनीतिक पर्यटन में जाते हैं। बड़े-बड़े लच्छेदार भाषण देते हैं और चले आते हैं। क्षेत्र की जनता उन पर विश्वास करके हर बार बीजेपी को झोली भर कर वोट देती है और बाद में उस विंध्य की जनता के हाथ मायूसी ही लगती है। बीजेपी ने विंध्य में जिस राजेन्द्र शुक्ला को आगे बढ़ाया है वो विंध्य के होकर भी नहीं हैं क्योंकि उनको विंध्य की जनता से गंध आती है। वो रीवा की जनता को देखना और मिलना पसंद नहीं करते हैं। मतलब साफ है कि एमपी बीजेपी के नेता चाहते ही नहीं हैं कि विंध्य से कोई मजबूत नेत्रृत्व तैयार हो क्योंकि ऐसा हुआ तो ग्वालियर-चंबल के नेताओं का प्रभुत्व पार्टी में घटने लगेगा।

Mar 24, 2024 - 15:23
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बीजेपी में हावी ग्वालियर-चंबल वाद,नहीं चाहते विंध्य से निकले कोई मजबूत नेत्रृत्व

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