होली निकल गई भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नहीं कर पाई तय,फूट रहा कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध

मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष का मामला बीरबल की खिचड़ी बन गया है। संगठनात्मक चुनाव को खत्म हुए महीनों बीच चुके हैं दिल्ली में मध्य प्रदेश बीजेपी के नेताओं की कई बैठकें हो चुकी हैं फिर भी भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष तय नहीं कर पा रही है। दरअसल जिस प्रकार से मध्य प्रदेश भाजपा में थोक की संख्या में प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार सामने आए हैं ऐसा पहली बार देखने को मिला है| दावेदार तो हमेशा हुआ करते थे लेकिन इस बार कई दावेदार खुल कर दावेदारी कर रहे हैं यही कारण है कि केन्द्रीय नेतृत्व दावेदारों के मुगालते खत्म करने में लग गया है| जिस प्रकार से वर्तमान में दावेदारों के तौर पर कई नेता सामने आए हैं और वो भी मजबूत नेता लिहाजा भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व बड़े नेताओं को नाराज नहीं करना चाहता और उन्हे अध्यक्ष भी नहीं बनाना चाहता यही कारण है कि केन्द्रीय नेतृत्व वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाने की घोषणा किए बगैर ही समय टाल रहा है जिससे परिस्थितियां अनुकूल हो जाएं तो वो अगले अध्यक्ष का चयन कर पाए| लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व की देरी के चलते अब प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध भी फूट रहा है| कई कार्यकर्ताओं के सामने अध्यक्ष की बात करो तो वो नाराज होने लगते हैं और यही कहते नजर आते हैं कि अब तो अध्यक्ष की बात करना भी बेमानी है क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के पद से रहस्य का पर्दा ही नहीं हट रहा यहां तक कि पार्टी यह भी क्लियर नहीं कर रही कि वर्तमान अध्यक्ष को ही रिपीट किया जाएगा लिहाजा इसी लिए भाजपा के निधि संचय अभियान में भी पार्टी के कार्यकर्ता दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं|
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