अयोध्या में किस रुप में बिराजेंगे रामलला,कौन बना रहा भगवान की छवि
अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अपने आखिरी दौर में चल रही हैं (ayodhya ram mandir). 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) के हाथों रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजेंगे. मंदिर में रामलला के पांच वर्ष की बालस्वरूप की खड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इस मूर्ति का निर्माण अयोध्या में चल रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि रामलला की प्रतिमा तीन लोग बना रहे हैं, ये जो भी बना रहे हैं उनके बारे में सभी को जानकारी दी जाएगी। चंपत राय ने कहा कि, 'रामलला की नई प्रतिमा अयोध्या में बन रही है, इतना पर्याप्त है. तीन लोग उसे बना रहे हैं, कौन लोग बना रहे हैं ये बात मैं पहले भी कई बार बोल चुका हूं. बार-बार कहने की कोई जरुरत नहीं है. मूर्ति वहीं बनाएगा जो उसका जानकार होगा, जिसमें 100-50 मूर्तियां पहले बनाई होंगी, तकनीकी काम वहीं करता है जो उसका जानकार होता है। तकनीक को मनुष्य-मनुष्य का भेद करके नहीं देखा जाता है.' राम मंदिर में विद्वानों के चयन और पूजा पद्धति को लेकर भी चंपत राय ने जानकारी दी और कहा कि राम मंदिर के लिए विद्वानों का चयन किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है ये बताया नहीं जा सकता है. जो लोग इस तरह के सवाल पूछ रहे हैं वो इन विद्वानों को जानते भी नहीं होंगे और जब विद्वान आएँगे तो उनके नाम भी प्रकाशित किए जाएंगे. मंदिर में आज भी विद्वान लोग ही पूजा अर्चना कर रहे हैं. वैसे ही आगे भी रामलला की पूजा होगी. आज भी लोग मंदिर में पूजा कर रहे हैं, आगे भी ऐसे ही करेंगे, इसमें ज्यादा विचार करने की बात नहीं हैं।
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