'कैसे बनेगी भाजपा की सरकार',कितनी सीटें घटेंगी और कितनी बढ़ेंगी,कमलनाथ अपने ही करीबियों के शब्दजाल में फंसे
हर जगह एक ही सवाल किसकी सरकार होगी। सरकार बनेगी तो कैसे बनेगी। हर जगह गुड़ा भाग,राजनीतिक हिसाब लगाए जा रहे हैं सारे सियासी पंडित चार दीवारी में बैठ कर सरकार तय कर रहे हैं कुछ राजनीतिक पंडित टीवी डिवेट में बैठ कर सरकार बना रहे हैं (MP Elections)। कांग्रेस के प्रवक्ता और नेता कहते हैं कि इस बार कांग्रेस 150 से 180 सीटों के आस पास लेकर आएगी। पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) को भी उनके करीबी सलाहकार 180 सीटों का ही सपना दिखा रहे हैं। जब उनके करीबी उनके पास से निकल जाते हैं तो फिर कमलनाथ मन में सोचते हैं कि इसमें अगर कम करो तो 140 सीट तो आ ही जाएगी। लेकिन उसके उलट भाजपा के गणित की बात करें तो वहां कुछ और ही खिचड़ी पक रही है जिस पर कांग्रेस की शायद नजर नहीं पड़ी अथवा पड़ी भी है तो कोई ध्यान नहीं देना चाहता क्योंकि कांग्रेस में विश्वास कम अति विश्वास ज्यादा दिखाई पड़ रहा है। अब बात भाजपा के गणित की करते हैं। वर्तमान में भाजपा के पास 127 विधायक हैं। भाजपा यह मान कर चल रही है कि 127 में 57 सीट वो हार सकती है मतलब 70 सीट भाजपा 127 वर्तमान की सीटों में बचा पाएगी। इसकी पुष्टि तो कांग्रेस की वो 66 सीटें भी कर रही हैं जहां कांग्रेस लगातार तीन बार से हार रही है और भाजपा की वो सीटें गढ़ बनी हुई हैं। 230 विधानसभा सीटों में 127 विधायक भाजपा के पास हैं। 95 वे विधायक कांग्रेस के पास हैं बांकी अन्य,सपा बसपा के पास हैं। भाजपा ने हारी हुई 103 सीट जिन्हे आकांक्षी विधानसभा सीटों का नाम भी दिया गया था। उन सीटों पर भाजपा ने करीब एक साल से ही मंथन करना शुरु कर दिया था। आकांक्षी सीटों पर भाजपा ने जमकर काम किया,हर दावेदार के हिसाब से पार्टी ने सर्वे भी कराया यही कारण है कि आकांक्षी सीटों पर जहां भाजपा के पास जिताऊ उम्मीदवार नहीं थे वहां पर भाजपा ने नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ,कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) और प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) जैसे नेताओं नेताओं को चुनाव मैदान पर उतार दिया। मतलब साफ है सरकार कैसे बनाना है भाजपा को मालूम है। भाजपा का हिसाब है कि 103 आकांक्षी सीटों में भाजपा 50 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। ऐसी स्थिति में 70 और 50 को प्लस करें तो भाजपा को 120 सीट मिल रही है और वो सरकार बना रही है। इससे कुछ ऊपर नीचे होता है तो भाजपा उस पर अलग से विचार कर रही है पार्टी के नेता अलग-अलग आप्शनों पर भी काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो कमलनाथ के करीबी उन्हे 180 सीटों का सपना दिखा रहे हैं जिस पर कमलनाथ 140 सीट का आंकड़ा लेकर चल रहे हैं।
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