मेरे हारने से कोई पार्टी खत्म होती है तो वही सही,खुद को नहीं दूसरों को दिया श्रेयःडॉ.नरोत्तम मिश्रा
बीजेपी ज्वाइनिंग कमेटी के संयोजक डॉ. नरोत्तम मिश्रा (dr narottam mishra) कांग्रेस के लिए एक ऐसी सुनामी बन कर उभरे हैं मानो उन्होने रौद्र रुप धारण कर लिया हो। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पार्टी का जनाधार बढ़ाने का संकल्प लिया और ऐसा संकल्प लिया कि प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों से उन्होने कांग्रेसी खेमें में सेंधमारी शुरु कर दी। नतीजा यह निकला कि भाजपा के 45 वें स्थापना दिवस तक करीब ढाई लाख कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को वो भाजपा की सदस्यता दिला चुके हैं। पूर्व गृह मंत्री की यह भूख लगातार बढ़ती चली जा रही है। कुछ विधानसभा क्षेत्र तो ऐसे हैं जहां पर कांग्रेस का कोई नाम लेने वाला ही नहीं बचा है। कुछ सीटों पर कांग्रेस को एजेंट नहीं मिल रहे हैं। सबसे बड़ी और दिलचश्प बात तो यह है कि इतना बड़ा अभियान और इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल कराने का श्रेय भी डॉ. नरोत्तम मिश्रा खुद नहीं ले रहे। जिस प्रकार से उनके नेत्रृत्व में कांग्रेस के खिलाफ सुनामी आई है उसका श्रेय वो पीएम मोदी,राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा,सीएम मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेत्रृत्व को देते हैं। पूर्व गृह मंत्री द्वारा चलाए गए अभियान पर राजनीतिक विश्लेषक से बात की गई तो उनका कहना है कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा जब खाली बैठते हैं तो उनका खालीपन हमेशा कांग्रेस के लिए हमेशा घातक साबित हुआ है। साल 2019 की हो जब पार्टी सरकार बनाने में नाकाम हुई थी या फिर ताजा उदाहण अभी का है जब डॉ. नरोत्तम मिश्रा चुनाव हारे और कांग्रेस के लिए काल बन गए। उनका अभियान अभी भी थमा नहीं है अनबरत जारी है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा कहते भी हैं कि कांग्रेस गुलामी का आखिरी प्रतीक है जो खत्म होना चाहिए और उसी अभियान में वो एक गिलहरी की भूमिका निभा रहे हैं।
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