मंत्री नहीं तो अध्यक्ष ही बना दो,रामेश्वर,आलोक शर्मा और सबनानी प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए ठोंक रहे ताल,भोपाल से दिल्ली तक कर रहे लॉविंग

Nov 6, 2024 - 08:53
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मंत्री नहीं तो अध्यक्ष ही बना दो,रामेश्वर,आलोक शर्मा और सबनानी प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए ठोंक रहे ताल,भोपाल से दिल्ली तक कर रहे लॉविंग

मप्र भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है इसके साथ ही मध्यप्रदेश का अगला भाजपा का अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर भी पार्टी में अंदर ही अंदर खींचतान शुरु हो गई है| पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जिनके हाथ मंत्रिमंडल के मामले में खाली हैं लिहाजा अब वो इस प्रयास में लगे हैं कि पार्टी का अध्यक्ष ही बना दो| वैसे तो भाजपा में अध्यक्ष बनने की एक लंबी कतार है लेकिन भोपाल से तीन नए नाम अचानक सामने आने से लोग हैरान नजर आ रहे हैं| पहला नाम भोपाल सांसद आलोक शर्मा का है जिनके प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की काफी चर्चाएं हैं वो काफी सक्रिय नेता भी माने जाते हैं और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफी करीबी माने जाते हैं| दूसरे नेता हैं रामेश्वर शर्मा जो तीन बार से विधायक हैं इस बार माना जा रहा था कि मंत्रिमंडल में उन्हे स्थान मिलेगा लेकिन उन्हे भी पूर्व सीएम का करीबी होने का खामियाजा भुगतना पड़ा और वो मंत्री नहीं बन पाए जिसके कारण अब वो प्रदेश अध्यक्ष बनने की जुगाड़ में लग गए हैं कई बार गुप्त रुप से दिल्ली का दौरा भी कर चुके हैं हांलाकि उन्हे अभी तक उचित आश्वासन नहीं मिला है| तीसरे नेता हैं भगवानदास सबनानी जो वर्तमान में भाजपा के प्रदेश महामंत्री के पद पर हैं और वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के काफी करीबी और विश्वस्तों में माने जाते हैं| Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार वीडी शर्मा ने भगवानदास सबनानी का अपनी रिप्लेसमेंट के रुप में उनका नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ाया है| यह सभी नेता अपने लिए पार्टी में लॉविंग करने में जुट गए हैं| भाजपा की परंपरा है कि जो भी अध्यक्ष होता है वही सर्वमान्य नेता माना जाता है लिहाजा भारतीय जनता पार्टी के यह नेता लगातार एक दूसरे नेता के निवास मिलने के लिए जा रहे हैं| भोपाल से ही एक और नेता भी हैं जो प्रदेश अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं और वो मंत्री भी हैं विश्वास सारंग जिनका नाम भी काफी चर्चाओं में है| फिलहाल सभी नेता गुप्त तरीके से अपने लिए लगातार जुगाड़ करने में जुटे हैं| इन सब नेताओँ के अलावा कुछ आदिवासी नेता भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं और वो भी संघ से लेकर दिल्ली तक अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं| हांलाकि माना यह भी जा रहा है कि वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल को पांच साल होने वाला है जबकि भाजपा संविधान के अनुसार तीन साल तक ही कोई भी नेता एक पद पर रह सकता है लेकिन चुनावों के कारण अध्यक्ष नहीं बदला गया और वर्तमान अध्यक्ष को पांच साल होने जा रहे हैं इस लिए कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि वीडी शर्मा को एक साल तक अभी और अध्यक्ष पद पर भाजपा बनाए रख सकती है|

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