डेढ़ घंटे की प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेता नहीं बता पाए कि आखिर वो कहना क्या चाहते हैं?
कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर एमपी कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता (congress press conference) का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (jitu patwari) ,नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार,विवेक तन्खा अरुण यादव,पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक शामिल हुए। प्रेसवार्ता के दौरान सभी नेताओं ने एक-एक कर अपनी तरफ से मीडिया को संबोधित किया। करीब डेढ़ घंटे तक चली प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेस का एक भी नेता यह नहीं बता पाया कि वो कहना क्या चाहता है। विवेक तन्खा के हाथ में माइक गया तो वो न्यायालय पर सवाल खड़ा करते नजर आए,अरुण यादव के पास माइक आया तो उन्होने किसानों के विषय में बात की। जीतू पटवारी ने भी कई मिनट तक अपनी बात रखी लेकिन उन्हे खुल नहीं मालूम होगा कि उन्होने किस बारे में बात की है। इन सब नेताओं की बात खत्म हुई अथवा बता नहीं पाए तो जेपी धनोपिया को अंत में माइक पकड़ा दिया गया। कुछ देर जेपी धनोपिया ने बोला तो इतना समझ में आया कि कांग्रेस के नेत्रृत्व में सरकार बनी तो मनरेगा में 400 रुपये के हिसाब से मजदूरी मिलेगी। प्रेसवार्ता के दौरान मुकेश नायक ने अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सबको लिख कर ले दिया गया है जिसको जो पूछना हो पूछ सकते हैं। दिग्विजय सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि कांग्रेस कभी भेदभाव नहीं करती सभी को साथ लेकर चलती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने केन्द्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कारण है कि केन्द्र सरकार जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवाती है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अर्जुन सिंह की सरकार में भी पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की कोशिश हुई थी लेकिन न्यायालय ने यह कहा था कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता। दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरक्षण के लिए भारतीय संबिधान में संशोधन किया जाएगा।
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