इंडी गठबंधन ने राहुल गांधी को चढ़ाया चने के झाड़ पर,अब नेता प्रतिपक्ष बन कर देंगे मोदी को चुनौती
देश की संसद को दस साल बाद नेता प्रतिपक्ष मिलने वाला है| दरअसल पीएम मोदी के पिछले दो कार्यकाल के दौरान कांग्रेस अथवा किसी अन्य पार्टी का इतना बहुमत नहीं था कि उसकी तरफ से नेता प्रतिपक्ष बन पाएं इसी लिए नेता प्रतिपक्ष के बगौर ही देश की संसद लगातार संचालित हो रही थी| लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए मोदी के नेतृत्व में चल रहे एनडीए को सीमित सीटों पर रोकने में कामयावी हासिल की| कांग्रेस अकेले दम पर 99 वे सीटें लेकर आई तो वहीं इंडी गठबंधन ने भी 235 का आंकड़ा पार करने में कामयाबी हासिल कर ली| इंडी गठबंधन के इस प्रदर्शन के कारण इन दिनों राहुल गांधी चने के झाड़ पर विराजमान हैं| कांग्रेस की ओर से कवायद चलाई जा रही है कि सदन में नेता प्रतिपक्ष का काम राहुल गांधी खुद संभालें और पीएम मोदी का सामना भी वही करें| कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि जिस राहुल गांधी को भारतीय जनता पार्टी इतने हल्के में ले रही थी उन्ही राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडी गठबंधन ने चुनाव लड़ा और आज इस मुकाम तक पहुंचाया है| कि देश को एक बार फिर मजबूत विपक्ष मिल रहा है| ये बात और है कि कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश में एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई जिसका कारण भी कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व को माना जा रहा है| एमपी में जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता के बीच प्रचारित किया और फिर बीजेपी के कई दिग्गजों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा उसका परिणाम यह रहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली छिंदवाड़ा को भी ध्वस्त कर दिया और उस सीट को बीजेपी के पाले में ले ली| यूपी ने भले भाजपा को निराश किया लेकिन एमपी ने 100 फीसदी सीटें बीजेपी को देकर यह बता दिया कि भाजपा सरकार के द्वारा किए काम से प्रदेश की जनता संतुष्ट है|
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