वृंदावन के केशव धाम में श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा मुक्ती आंदोलन की दिशा तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद का आयोजन
वृंदावन के केशव धाम में बुधवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा मुक्ती आंदोलन की कार्यदिशा तय करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय धर्म संसद का आयोजन किया गया। इस आयोजन में प्रमुख रूप से कलकी पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्ण, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, गोविंद आनंद तीर्थ महाराज, स्वामी उमेश योगी (स्पेन), और जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजेश्वरमाऊली सरकार सहित कई संत और विभूतियां उपस्थित रहीं। सभा में उपस्थित संतों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि की मस्जिद का सर्वेक्षण कराने की मांग की। इस संदर्भ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल की गई है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य मस्जिद की सच्चाई को दुनिया के सामने लाना है।
"जाति तोड़ो, समाज जोड़ो" अभियान की घोषणा
सभा में संतों ने हिंदू समाज को एकजुट करने और जात-पांत के भेदभाव को समाप्त करने के लिए "जाति तोड़ो, समाज जोड़ो" अभियान चलाने की घोषणा की। साथ ही, श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति और वहां भव्य मंदिर के निर्माण की मांग भी रखी गई।गाय, मठ, और मंदिर की रक्षा के लिए आंदोलन साधु-संतों ने गायों की रक्षा, मठों और मंदिरों के संरक्षण के लिए भी अभियान चलाने का निर्णय लिया। संघर्ष से ही अधिकार प्राप्त होंगे: जगद्गुरु राजेश्वरमाऊली सरकार श्री रुक्मिणी पीठाधीश्वर पूजनीय जगद्गुरु राजेश्वरमाऊली सरकार ने कहा, "हमने बड़े संघर्षों के बाद प्रभु श्रीराम जन्मभूमि को प्राप्त किया। जैसे चीन को चीनी राष्ट्र, अमेरिका को अमेरिकी राष्ट्र कहते हैं, वैसे हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र कहने में क्या समस्या है? यहां वेद, उपनिषद और भगवद्गीता जैसे सनातन प्रमाण मौजूद हैं। श्री कृष्ण जन्मस्थान का हर हिस्सा मंदिर का प्रमाण देता है। आज सनातनी जाग गए हैं। बिना संघर्ष के अपने अधिकारों को पाना असंभव है। हमारा मार्ग अहिंसा और सद्भावना का है। हम भारतीय संविधान के अंतर्गत अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे और अंततः अपने आराध्य श्री कृष्ण जन्मभूमि पर भव्य दिव्य मंदिर का निर्माण करेंगे।
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