आसान नहीं होगा शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रमोशन देना,सामने आएंगी कई कठिनाइयां पढ़िए पूरी खबर

मध्य प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रमोशन सरकार ने करने की योजना बना ली है लेकिन इसके लिए सरकार को कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ेगा। अब पता चल रहा है कि प्रमोशन के लिए क्रीमी लेयर का ध्यान रखा जाएगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि सभी को समान अवसर मिल सके और आरक्षण का लाभ उचित लोगों तक पहुंचे। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने आठ साल बाद शासकीय सेवाओं में पदोन्नति देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद, लगभग 4 लाख कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। सरकार की इस घोषणा से कुछ पद खाली होंगे, जिन्हें भरने के लिए सरकार तीन वर्षों में लगभग दो लाख नई भर्तियां करेगी। सरकार ने यह भी तय किया है कि प्रमोशन में क्रीमी लेयर का ध्यान रखा जाए। Mukhbir को मिली सूचना के मुताबिक क्रीमी लेयर का विशेष रुप से ध्यान रखा जाएगा। क्रीमी लेयर का मतलब है कि ऐसे व्यक्ति जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है और वो पहले से ही कुछ लाभ प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे लोगों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। यह सुनिश्चित करने से, कम आर्थिक स्थिति वाले लोगों को भी प्रमोशन का समान अवसर मिलेगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि सभी को समान मौका मिल सके और आरक्षण का लाभ उचित लोगों तक पहुंचे। सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सरकार की एक अच्छी पहल मानी जा रही है। हालांकि इस योजना से कुछ SC-ST कर्मचारियों पर डिमोशन का खतरा भी मंडरा रहा है। ये वो कर्मचारी हैं जिन्हें 2002 के प्रमोशन में आरक्षण के तहत पदोन्नति दी गई थी। लेकिन हाई कोर्ट ने 2016 में इस नियम को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद इन प्रमोशंस की वैधता पर सवाल उठ गए। सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, लेकिन अंतिम निर्णय आने तक इन कर्मचारियों को डिमोशन का डर बना हुआ है।
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