डॉ. नरोत्तम मिश्रा के आगे जीतू पटवारी का सरेंडर,कुनवा रोकने में नाकाम हुए जीतू पटवारी
पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) विधानसभा चुनाव क्या हारे ऐसा लगता है उन्होने रौद्र रुप धारण कर लिया है। जब-जब पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को राजनीतिक आघात लगा है तब-तब उन्होने कांग्रेसी खेमे में तबाही मचाई है। इससे पहले साल 2019 में कांग्रेस की सरकार बनी थी जिसके बाद डॉ. नरोत्तम मिश्रा को कांग्रेस ने टारगेट करने का प्रयास किया नतीजा यह निकला कि उन्होने कांग्रेस की सरकार गिराने की कसम खा ली और कांग्रेस की सरकार को धराशाही भी कर दिया। 2023 के विधानसभा चुनाव में डॉ. नरोत्तम मिश्रा चुनाव हार गए भाजपा ने उन्हे बीजेपी ज्वाइनिंग कमेटी (bjp joining committee) का प्रदेश संयोजक बना दिया। पूर्व गृह मंत्री को भाजपा ने ज्वाइनिंग कमेटी का संयोजक क्या बनाया उन्होने रौद्र रुप धारण कर कांग्रेस के समूल नाश का बीड़ा उठा लिया। हालात यहां तक पहुंच गए अब तक 17 हजार से ज्यादा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल करा चुके हैं। ऐसा लगता है कि जैसे नरोत्तम मिश्रा के आगे पूरी कांग्रेस ने सरेंडर कर दिया है। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के केन्द्रीय नेत्रृत्व ने जीतू पटवारी को पीसीसी चीफ बना दिया उनके अध्यक्ष बनते ही कांग्रेस में पलायन का दौर तेज हो गया। ऐसा लगता है जैसे पर्दे के पीछे से जीतू पटवारी (jitu patwari) खुद अपने नेताओं को बीजेपी में जाने की सलाह दे रहे हैं। दिलचश्प बात यह भी है कि चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं और जीतू पटवारी ने एक भी ऐसी बैठक नहीं की जिसमें उन्होने नेताओं और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने का कारण पूछा हो। मतलब साफ है कि जीतू पटवारी ने डॉ. नरोत्तम मिश्रा के सामने खुद सरेंडर कर दिया है।
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