जानिए किस चक्रब्यूह में फंसे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा
खजुराहो सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एक ऐसे चक्रब्यूह में हैं, जिसमें उनकी जान को खतरा नहीं है। लेकिन उनकी छवि को धूमिल करने के अलग-अलग तरह से लगातार प्रयास जारी हैं। इस पूरी कवायद में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि भीतरी शत्रु यानि बीजेपी के ही कई नामी नेता पर्दे के पीछे रह कर अपना खेल कर रहे हैं।
भोपाल। खजुराहो सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एक ऐसे चक्रब्यूह में हैं, जिसमें उनकी जान को खतरा नहीं है। लेकिन उनकी छवि को धूमिल करने के अलग-अलग तरह से लगातार प्रयास जारी हैं। इस पूरी कवायद में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि भीतरी शत्रु यानि बीजेपी के ही कई नामी नेता पर्दे के पीछे रह कर अपना खेल कर रहे हैं।
दरअसल वीडी शर्मा को जब बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उस वक्त पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को यह गलत फहमी थी कि वो उनके हाथ की कटपुतली बन कर काम करेंगे कुछ समय तक ऐसा हुआ भी लेकिन ये खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया। वीडी शर्मा जमीन से जुड़े नेता हैं और कठिन परिश्रम करके संगठन के कर्ता धर्ता बने हैं। लिहाजा संगठन को कैसे गढ़ना है और कैसे चलाना है ये सब वीडी शर्मा को बखूबी आता था। उन्होने धीरे-धीरे अपना प्रभाव जमाना पार्टी में शुरू कर दिया।
समर्पण निधि के माध्यम से पार्टी को आर्थिक रुप से सक्षम बनाने की बात हो या फिर बूथ विस्तारक योजना के माध्यम से पार्टी को बूथ-बूथ तक मजबूत करने की बात हो उनका कारवा यहीं नहीं थमा वीडी शर्मा ने हर बूथ को डिजिटल बनाया। आज पार्टी में नमों ऐप के माध्यम से हर कार्यकर्ता के पल-पल की गतिविधियों के बारे में जानकारी अपलोड रहती है और शीर्ष नेतृत्व को भी यह जानकारी रहती है कि संगठन क्या-क्या गतिविधियां संचालित कर रहा है। वीडी शर्मा ने प्रदेश कार्यालय के पुन: निर्माण का सपना भी देखा और उसे सिर्फ सपने तक ही सीमित न रखकर उसे धरातल में भी उतारने की पुरजोर कोशिश की और आज अब बीजेपी का नया कार्यालय भी बनाया जा रहा है। उससे पहले प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अस्थाई रुप से आरटीओ कार्यालय को लीज पर लिया और उसकी नियम के मुताबिक सारी फॉमैलिटी भी पूरी की सरकार को लीज का पूरा पैसा भी दिया।
प्रभात झा के बाद वीडी शर्मा ही ऐसे प्रदेश अध्यक्ष निकले जो प्रवास पर विश्वास रखते हैं और अनवरत उनके प्रवास जारी रहते हैं तीन साल के कार्यकाल में वीडी शर्मा ने प्रदेश के सभी 52 जिलों और 230 विधानसभा में कमसे कम एक बार तो दौरा कर ही लिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि उनका कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद पार्टी को लगातार मजबूत बना रहा है और यही मजबूती पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को खलने लगी है।
वीडी शर्मा की एक और बड़ी समस्या है कि वो ब्राम्हण कुल के हैं लिहाजा उनका प्रभाव न बढने पाए इसलिए पार्टी के कुछ ऐसे नेता हैं जो चाहते हैं कि किसी भी तरह किसी भी युक्ति से वीडी शर्मा की छवि को धूमिल किया जाए जिससे एक ऐसे नेता को बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जाए जो अपने हिसाब से काम करे।
एक अकेला सब पर भारी
वीडी शर्मा की उम्र से ज्यादा उनका अनुभव भारी है और यही कारण है कि उनके दुष्मन बाहर के बजाय घर के ही हैं और घर का दुष्मन कब हमला कर दे उसकी जानकारी किसी को नहीं होती। ऐसे दुष्मनों के बीच वीडी शर्मा हमेशा रहते हैं उनके चक्रब्यूह को तोड़ते हैं और अपना रास्ता अनवरत तैयार करते हैं।
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