'पंजा छोड़ कमल' थामने वाले नेता नहीं बनेंगे भाजपा में जिला अध्यक्ष

मप्र भाजपा में जिला अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी का दौर खत्म हो चुका है। इस बीच खबर आ रही है कि कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को जिला अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। दरअसल भाजपा की तरफ से प्रदेश भर में जिला अध्यक्षों को लेकर रायशुमारी कराई गई है। इस रायशुमारी में भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ बड़ी नाराजगी देखने को मिली है। भाजपा के चुनाव प्रभारियों ने जब रायशुमारी शुरु की तो कांग्रेस से भाजपा में आए कई नेताओं ने जिला अध्यक्ष पद के लिए दावे किए। उन सभी नेताओं के दावे कितने मजबूत थे उसकी थाह लेने के लिए भाजपा की टीम ने अलग-अलग जिलों में भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की जिसमें कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं के लिए काफी नारजगी और घृणा देखने को मिली। खासकर ज्योजिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र में स्थिति ज्यादा गंभीर है। भाजपा के कार्यकर्ता पांच साल में कांग्रेस से आए नेताओं को अपना कार्यकर्ता स्वीकार नहीं कर पाए हैं। अगर कांग्रेस से आए नेताओं को भाजपा में जिला अध्यक्ष बनाया जाता है तो जिलों में संगठनात्मक स्थिति खराब हो सकती है। चुनाव प्रभारियों ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र कर प्रदेश नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सभी जिलों से मिली रिपोर्ट के कारण आनन-फानन में शुक्रवार की शाम प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के नेतृत्व में एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सीएम यादव को भी शामिल किया गया और उन्हे भी यथा स्थिति से अवगत कराया गया। करीब घंटे भर चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस से भाजपा में आए नेता को इस बार जिला अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। कुल मिला कर सत्ता में सहभागिता रहेगी लेकिन संगठन से फिलहाल कांग्रेस से भाजपा में आए कार्यकर्ताओं को दूर रखा जाएगा।
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