दिल्ली में फाइनल होगी भाजपा जिलाध्यक्षों की लिष्ट,अध्यक्षों के रिपीट होने पर जारी होगी गाइडलाइन
मध्य प्रदेश भाजपा में जिला अध्यक्षों के चुनाव का पेंच लगातार फंसा हुआ है। दरअसल भाजपा में आपसी समन्वय से अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव होता आया है लेकिन इस बार के चुनाव में परिस्थितियां कुछ अलग हैं। क्योंकि एमपी बीजेपी के ज्यादातर पदाधिकारी इस पक्ष में हैं कि अध्यक्षों का रिपिटेशन नहीं होना चाहिए इसके बाद भी अधिकतर जिला अध्यक्षों ने फिर से अध्यक्ष बनने का दावा ठोंक रखा है। वहीं दूसरी तरफ सिंधिया खेमे के कई कार्यकर्ताओं ने भी जिला अध्यक्ष पद के लिए दावा ठोंक रखा है जिसके कारण भाजपा के नेतृत्व की टेंशन बढ़ गई है। जो कांग्रेस से भाजपा में आए हैं उन्हे पार्टी के कार्यकर्ता आज तक स्वीकार नहीं कर पाए हैं। भाजपा की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों में रायशुमारी भी कराई जा चुकी है जिसकी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व के हाथ में आ चुकी है। अब प्रदेश नेतृत्व जिला अध्यक्षों की सूची जारी करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है यही कारण है कि अब प्रदेश नेतृत्व ने गेंद केन्द्रीय नेतृत्व के पाले में डाल दी है। इस बीच दिल्ली में भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की दो दिवसीय बैठक होने जा रही है जिसमें देश के सभी राज्यों के संगठनात्मक चुनाव पर विचार विमर्श किया जाना है। एमपी में जिस प्रकार से जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर जिस प्रकार से घमासान मचा हुआ है उसका पटाक्षेप भी अब केन्द्रीय नेतृत्व को ही करना है। सिंधिया खेमा,भूपेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत का विवाद वहीं विंध्य क्षेत्र में राजेन्द्र शुक्ला का एकाधिकार मध्यप्रदेश भाजपा के गले की फांस बन गया है लिहाजा अब दो दिन तक दिल्ली में चलने वाली बैठक में ही निर्णय होगा कि आगे क्या करना है। इसी बैठक में यह भी तय हो जाएगा कि अध्यक्षों को रिपीट करना है य नहीं?
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