एमपी बीजेपी को सातों मोर्चों में गृह युद्ध की स्थिति,एक से अधिक पद को लेकर मोर्चों के पदाधिकारियों में नेतृत्व के प्रति बढ़ रही नाराजगी

मध्य प्रदेश भाजपा में सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर ही जद्दोजहद नहीं चल रही बल्कि भाजपा के सात मोर्चों में भी जम कर गृह युद्ध चल रहा है|दरअसल सालों पहले मोर्चों के अध्यक्ष सहित पदाधिकारी नियुक्त किए गए थे अब लंबा अरसा बीत चुका है लेकिन मोर्चों में भी किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है|कई मोर्चे के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी हैं जिनके पास एक से अधिक पद हैं जिसके कारण मोर्चों के अन्य पदाधिकारियों में नाराजगी पूरे शबाब पर है| भाजपा महिला मोर्चा की ही बात करें तो माया नरोलिया प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ राज्य सभा सांसद हैं यानि एक से अधिक पद| महिला मोर्चा की कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि माया नरोलिया के सांसद बनने के बाद ऐसा लग रहा है कि महिला मोर्चे को खत्म कर दिया गया है क्योंकि किसी भी प्रकार की गतिविधि अब संचालित नहीं हो रही है| वहीं किसान मोर्चे की बात करें तो दर्शन सिंह चौधरी अब नर्मदापुरम से सांसद बन चुके हैं| दर्शन सिंह चौधरी काफी सक्रिय नेता हैं लेकिन सांसद बनने के बाद उनकी ब्यस्तता बढ़ गई है और वो मोर्चे के कामों में ध्यान नहीं दे पा रहे हैं जिससे किसान मोर्चे के पदाधिकारी खुद को अनाथ स महसूस कर रहे हैं और उनमें नेतृत्व के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है| इसी प्रकार अन्य मोर्चों की भी स्थिति बनी हुई है| भाजपा के सभी मोर्चों के हाल एक जैसे ही हैं जहां नेताओं के पास एक से अधिक पद हैं और पार्टी का नेतृत्व इस विषय पर कोई विचार नहीं कर रहा है जिसके चलते अन्य पदाधिकारी जो खुद को दौड़ में मानते हैं उनमें संगठन के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है|
What's Your Reaction?






