भाजपा की केन्द्रीय गाइडलाइन को चकनाचूर कर एमपी बीजेपी ने खुद बनाई गाइडलाइन,दो संगठनात्मक जिले बढ़ाए

मप्र भाजपा किस खींचतान के दौर से गुजर रही है उसकी बानगी नौ चरणों में जारी हुई भाजपा जिला अध्यक्षों की सूची से देखी जा सकती है। गुरुवार को भाजपा ने आखिरी दो जिला अध्यक्षों की घोषणा कर प्रदेश के सभी 62 संगठनात्मक जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। पार्टी में अंतर्कलह का आलम ये रहा कि भाजपा को दो संगठनात्मक जिल बढ़ाने पड़े। जिला अध्यक्षों को लेकर भाजपा में इतनी ज्यादा खींचतान कभी भी देखने को नहीं मिली जितनी इस बार। आलम ये रहा कि केन्द्रीय नेतृत्व ने जो गाइडलाइन तय की थी उसे एमपी बीजेपी संगठन ने चकनाचूर करते हुए खुद की गाइडलाइन तैयार की। वहीं बड़े नेताओं का दबाव इतना ज्यादा रहा कि पार्टी ने दो संगठनात्मक जिलों की संख्या भी बढ़ा दी। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव में सामान्य वर्ग का जमकर दबदबा देखने को मिला। सामान्य वर्ग से 29 जिला अध्यक्ष चुने गए जिसमें सात क्षत्रिय,इतने ही वैश्य और 15 ब्राह्मण वर्ग के रहे। संगठन चुनाव में गुटीय विवाद जमकर सुर्खियों में रहा। ओबीसी वर्ग से 25 अध्यक्ष चुने गए,जबकि एसटी से चार, एससी से तीन और अल्पसंख्यक से एक को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। भाजपा ने कुल 19 दिनों में 62 जिला अध्यक्षों के नाम घोषित किए हैं। अब जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद पदाधिकारियों को पंचनिष्ठाएं बताई जा रही है जिसके तहत प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की तरफ से सभी मंडल अध्यक्षों को पत्र लिख कर उन्हे यह बताया गया है कि संगठन कैसे चलाना है। साथ ही अब भाजपा अपने नए अभियानों की तैयारियों में भी जुट गई है। आने वाले समय में भाजपा एक देश-एक चुनाव के लिए प्रदेश में जन अभियान चलाने जा रही है जिसके लिए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बैठक भी आयोजित की गई।
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