मप्र भाजपा के 'निधि संचय' अभियान पर कार्यकर्ताओं का नहीं मिल रहा अपेक्षित सहियोग

Mar 5, 2025 - 09:46
 0  48
मप्र भाजपा के 'निधि संचय' अभियान पर कार्यकर्ताओं का नहीं मिल रहा अपेक्षित सहियोग

मप्र भाजपा में एक ओर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज हैं तो दूसरी ओर आजीवन सहयोग निधि जुटाने का भी भाजपा में लगातार काम चल रहा है। पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चल रही उठापटक का असर देखने को मिल रहा है जिसके चलते पांच साल बाद निधि संचय अभियान ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। कार्यकर्ताओं के बीच निराशा का माहौल है जिसके कारण प्रदेश नेतृत्व के माथे पर चिंता की लकीरें देखने को मिल रही हैं। और यही कारण है कि अब भाजपा के संभाग स्तरीय नेताओं को मंडल स्तर पर जाकर प्रवास करने और आजीवन सहयोग निधि जुटाने के लिए कहा जा रहा है। गौरतलब है कि पार्टी दफ्तरों का खर्च जुटाने के लिए भाजपा हर साल अपने कार्यकर्ताओं से आजीवन सहयोग निधि जुटाती है। लेकिन 2023-24 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण यह राशि नहीं जुटाई गई थी। दरअसल अजीवन सहयोग निधि के माध्यम से भाजपा एक तीर से दो शिकार करती है। पहला ये कि सहयोग निधि मिलने से भाजपा का संगठन आर्थिक रुप से मजबूत होता है। दूसरा ये कि जब कार्यकर्ता अपनी स्वेच्छा से पार्टी के लिए सहयोग निधि देता है तो वो खुद को पार्टी से जुड़ा हुआ महसूस करता है और पार्टी की ओर से मिलने वाले काम को पूरी ईमानदारी के साथ करता है। लेकिन इस बार भाजपा के कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ महीनों से भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर लंबी खींचतान चल रही है जिसके चलते कार्यकर्ता सहयोग निधि पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। हर कार्यकर्ता इस बात की चर्चा करता नजर आ रहा है कि अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा अथवा वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल को ही बढ़ाया जाएगा। कार्यकर्ताओं के बीच चल रही असमंजस की स्थिति को प्रदेश नेतृत्व भी समझ चुका है इसलिए प्रदेश कार्यालय में लगातार जिले और संभागवार पदाधिकारियों की बैठक आयोजित कर उन्हे टारगेट देने का काम किया जा रहा है। बड़े शहरों को बड़े टारगेट दिए जा रहे हैं तो वहीं छोटे शहरों को कम टारगेट दिए जा रहे हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow