मध्यप्रदेश सरकार चार मिशन एक नवंबर को करेगी लागू,युवा शक्ति,गरीब कल्याण, किसान कल्याण और नारी सशक्तिकरण मिशन होगा लागू
78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रशासन जनोन्मुखी हो, नागरिक विकास और सामाजिक सद्भाव में भागीदार बनें, गरीबों के कल्याण की योजनाएं अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचें, ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। भारत की अर्थव्यवस्था में ' मध्यप्रदेश की 4 प्रतिशत सहभागिता को अगले पांच वर्ष में 5 प्रतिशत तक 'ले जाने के लिए मध्यप्रदेश संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश का बजट अगले पाँच वर्ष में दो गुना करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भी पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 64 हजार 738 करोड़ रुपये रखा गया है। भारत सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में तेजी से आगे बढने वाले राज्यों में शामिल है। आर्थिक सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश से संबंधित कई विषयों को शामिल किया गया है, उनमें दलहन उत्पादन, नदी जोड़ो अभियान, सोयाबीन उत्पादन, चना और
गेहूं के उत्पादन में प्रदेश के अग्रणी होने की उपलबधि आदि शामिल हैं। मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरणा लेकर चार मिशन, युवा शक्ति मिशन, गरीब कल्याण मिशन, किसान कल्याण मिशन और नारी सशक्तिकरण मिशन मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस एक नवम्बर से लागू करने जा रही है। युवा शक्ति मिशन के अंतर्गत शिक्षा, कौशल विकास, रोज़गार, उद्यमिता, नेतृत्व विकास, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास की कार्योजना तैयार कर मिशन मोड में कार्य किया जाएगा। नारी सशक्तिकरण मिशन के तहत बालिका शिक्षा, लाडली लक्ष्मी योजना, लाइली बहना योजना, लखपति दीदी योजना महिला स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण आदि कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से किए जाएंगे। किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत सरकार कृषि एवं उद्यानिकी को लाभ का व्यवसाय बनाने की दिशा में कार्य करेगी। किसानों को राहत एवं कृषि की पैदावार बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे। युवा शक्ति मिशन युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल और सशक्त बनाने का संकल्प है। ए.आई. मशीन लर्निंग और कोडिंग जैसी उभरती तकनीकों की भी शिक्षा प्राप्त करनी है। इसके लिए हमने 485 करोड़ रुपये का निवेश किया है। प्रदेश के 55 जिलों के महाविद्यालयों को एक-एक पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में परिवर्तित किया है। 35 नए व्यावसायिक विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया है।शासकीय नौकरी के 11 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं। राज्य में 10 हजार करोड रुपये की लागत से 60 से अधिक नई उद्योग इकाइयों की स्थापना की जा रही है, जिनसे 17 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
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