तबादले से स्टे नहीं हटने पर सीएम से नाराज कई मंत्री,विरोध न कर पाने में जता रहे विवषता,सीएम के खिलाफ जारी है लॉविंग

मप्र सरकार ने पिछले दो साल से शासकीय कर्मचारियों के तबादले पर बैन लगा रखा है| कई कर्मचारी अपने तबादले के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं लेकिन उन्हे यही कहा जाता है कि तबादले में बैन लगा है सिर्फ सीएम की अनुसंशा पर ही तबादले हो रहे हैं| मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले भी आबंटित हो चुके हैं जिसके बाद उन पर स्थानीय कर्मचारी अपनी मनचाही जगहों पर जाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं लेकिन कोई भी मंत्री कुछ कह पाने में खुद को बेबस सा महसूस कर रहा है| मंत्री खुले तौर पर तो कुछ नहीं कह रहे लेकिन उनका कहना है कि वो जिस क्षेत्र से आते हैं वहां की जनता से उनको काफी उम्मीदें रहती हैं और उन्हे जिन जिलों का प्रभारी बनाया गया है वहां की भी जनता उनके पास पहुंच रही है| लिहाजा उन्हे दो-दो जगहों के कर्मचारियों का दबाद झेलना पड़ रहा है| ऐसे में तबादलों से बैन न खोलना सभी मंत्रियों के गले की फांस बनता जा रहा है| मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तरफ से लगातार चल रही मनमानी के कारण अब कई मंत्री उनसे नाराज भी चल रहे हैं| कुछ मंत्रियों ने आपस में लॉविंग भी करना शुरु कर दिया है| आने वाले समय में कुछ मंत्री सीएम यादव के पास तबादलों पर लगे बैन को खोलने के लिए दबाव बनाने की योजना बना रहे हैं| एक मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर सीएम यादव को पार्टी हाई कमान से फ्री हैंड मिला हुआ है तो फिर तबादलों से बैन हटाने में उन्हे दिक्कत क्या है| अधिकारियों के धड़ा-धड़ तबादले हो रहे हैं तो फिर कर्मचारियों से सरकार भेदभाव क्यों कर रही है| जबकि कर्मचारी ही सरकार की हर योजना को जनता तक पहुंचाने का प्रमुख जरिया होता है उसके बाद भी हर प्रकार की समस्याएं कर्मचारी ही झेल रहे हैं उन्हे भी उनकी मनचाही जगह पर जाने का अधिकार है| तबादले से स्टे नहीं हटने के कारण कर्मचारी सरकार के खिलाफ नाराज होते चले जा रहे हैं और सीएम को यह दिखाई नहीं पड़ता है| पहले ही उन्हे डीए का दो फीसदी नहीं दिया गया है जिसके कारण वो नाराज हैं ऊपर से तबादलों से बैन न हटा कर सरकार कर्मचारियों को और नाराज कर रही है|
What's Your Reaction?






