निजी हाथों में जाएंगे प्रदेश के मेडिकल कॉलेज,कैबिनेट में प्रस्ताव हो चुका पास,चुनाव के बाद धरातल में उतरेगी योजना
प्रदेश की मोहन सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को ब्यवस्थित करने के लिए मेडिकल कालेजों को पीपीपी मॉडल में खोलने की योजना तैयार कर रही है| गौरतलब है कि अभी तक प्रदेश में 14 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं और पांच नए मेडिकल कॉलेजों में काम शुरु होने वाला है| इसके अलावा छह और मेडिकल कॉलेज सरकार की ओर से खोले जाएंगे| कुल मिला कर 25 मेडिकल कॉलेज राज्य सरकार संचालित करेगी| सरकार की योजना है कि प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए लिहाजा इन 25 मेडिकल कॉलेजों के अलावा जब अन्य मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे तो उन्हे प्राइवेट सेक्टरों को दिया जाएगा| जिसकी प्रक्रिया चुनाव अचार संहिता खत्म होने के बाद शुरु की जाएगी| उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की मंशा है कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलना जाना चाहिए जिससे वहां के बच्चों को दूसरे शहरों में पढाई करने के लिए न जाना पड़े| इसी लिए अब प्रदेश में पीपीपी मॉडल को बढ़ावा दिया जाएगा और इस योजना के लिए सरकार के कैबिनेट में सहमति भी बन चुकी है| प्राइवेट मेडिकल कॉलेज खोलने का मतलब है कि जब निजी हाथों में यह ब्यवस्था जाएगा तो वो मनमानी फीस लेंगे और मनमाने तरीके से एडमीशन देंगे| लेकिन सरकार का मानना है कि कॉलेजों को खोलना तो आसान होता है लेकिन उसके लिए राशि एकत्रित करना कठिन होता है इसी लिए निजी हाथों के माध्यम से मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे जिससे सरकार पर भी दबाव नहीं आएगा और सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज भी खुल जाएंगे| फिलहाल सरकार ने इस योजना को धरातल में उतारने के लिए पूरी योजना तैयार कर लिया है और चुनाव खत्म होने के बाद योजना को धरातल में उतारने का काम शुरु कर दिया जाएगा|
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