मोहन सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान देंगे इस्तीफा,चौहान ने कहा पार्टी में बाहर से आए नेताओं को मिलता है सम्मान,टाट-दरी बिछाने वाले को मिलता है अपमान
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने आल इज वेल करने के चक्कर में पार्टी के अंदर ही गृह युद्ध जैसी स्थिति बना दी है| दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने करीब पांच लाख से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी में स्थान दिया| उस वक्त पार्टी की यह रहणनीति लोकसभा चुनाव जीतने के लिहास से ठीक लग रही थी लेकिन इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे भाजपा को इस बात की उम्मीद नहीं थी| मुरैना लोकसभा सीट जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम निवास रावत को पार्टी में ज्वाइन करा लिया और नतीजे के तौर पर पार्टी ने मुरैना का चुनाव जीत लिया| चुनाव के बाद अब राम निवास रावत को मंत्री बनाया गया तो पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने इस बात पर आपत्ति दर्ज की और फिर जब विभाग का बंटवारा किया गया और नागर सिंह चौहान का विभाग राम निवास रावत को सौंप दिया गया तो वो अपने दिल के अंदर छिपे दर्द को बयां किए बगैर नहीं रह पाए और एक निजी न्यूज चैनल में उन्होने कहा कि उनके साथ पार्टी ने भेदभाव किया है बाहर से आए नेता को मन चाहा विभाग देने के लिए उनका विभाग छीन लिया गया| गौरतलब है कि नागर सिंह चौहान की पत्नी लोकसभा सांसद भी हैं लिहाजा नागार सिंह चौहान पार्टी में बड़ा कद भले नहीं रखते लेकिन वर्तमान राजनीतिक हालातों को देखते हुए उनका और उनकी पत्नी का पार्टी में बने रहना जरुरी है| लिहाजा जिस प्रकार से नागर सिंह चौहान ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा है कि बाहर से आए नेताओं को पार्टी में पुरस्कृत किया जा रहा है और पार्टी में टाट-दरी बिछाने वाले नेताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है| नागर सिंह चौहान ने जिस प्रकार से पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद की है उसे फिलहाल भाजपा में ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा अथवा यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि उनके इस्तीफा देने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है लेकिन हकीकत तो भाजपा के नेता ही जानते हैं कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे|
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