‘हैंड ओवर-टेक ओवर’ प्रक्रिया से शासकीय स्कूलों की दिशा और दशा सुधारने की कवायद में जुटे मंत्री उदय प्रताप

शासकीय स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से लगातार नवाचार किए जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा है कि अब शिक्षा विभाग एक नई प्रक्रिया “हैंड ओवर-टेक ओवर” शुरू करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग एक अप्रैल को “प्रवेश उत्सव अभियान” चलाया जाएगा। इस अभियान में मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों से शामिल होने की अपील की जाएगी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि सभी लोग बच्चों और उनके अभिभावकों से संवाद करें और उन्हें सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए प्रोत्साहित करें। यह अभियान किसी भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से अलग होगा और इसका एकमात्र लक्ष्य सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में वृद्धि करना है।”मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री उदय प्रताप ने बताया कि अभी तक प्रदेश के 5000 सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं शुरू की जा चुकी हैं। इन कक्षाओं को और अधिक स्कूलों में विस्तार देने की योजना है, ताकि छोटी उम्र से ही बच्चों को सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिया जा सके। इसी के साथ एक अप्रैल को प्रदेशभर में “प्रवेशोत्सव” मनाया जाएगा। इस अभियान के जरिए शिक्षा विभाग बच्चों और उनके अभिभावकों को सरकारी स्कूलों से जोड़ने का प्रयास करेगा। प्रवेशोत्सव में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, ताकि अभियान व्यापक स्तर पर सफल हो सके। इसी के साथ अब छह वर्ष की आयु पूर्ण करने की सीमा तीस अप्रैल की जगह तीस सितंबर की जा रही है। शिक्षा विभाग एक नई प्रक्रिया “हैंड ओवर – टेक ओवर” भी शुरू करने जा रहा है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों के हेडमास्टर को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वो पांचवीं कक्षा पास करने वाले बच्चों की टीसी और अन्य दस्तावेज मिडिल स्कूल के हेडमास्टर को सौंपें। इसी प्रकार मिडिल स्कूल के हैड ये प्रक्रिया हाईस्कूल में करेगा। “हैंड ओवर-टेक ओवर” की इस प्रक्रिया में विभाग के शिक्षकों और कर्मचारियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। मंत्री ने कहा कि इससे बच्चों का स्कूलों के बीच स्थानांतरण सुचारू होगा और उनकी पढ़ाई में कोई व्यवधान नहीं आएगा।
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