खुद को ठगा सा महसूस कर रहे मोहन सरकार के मंत्री,पूछते हैं सरकार में किसकी चल रही है,एक दूसरे का मुंहु ताकते रह जाते हैं मंत्री
प्रदेश की मोहन सरकार विकास में कोई कमी नहीं छोड़ रही है लेकिन सरकार में किसकी चल रही है यह अपने आप में एक बड़ा रहस्य बन गया है| दरअसल प्रदेश में मोहन सरकार ने अपने कार्यकाल के नौ महीने पूरे कर लिए हैं लेकिन कई ऐसे मसले हैं जिस पर रहस्य बरकरार है| इस सरकार में कई ऐसे विधायक हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं| तो कुछ ऐसे भी मंत्री हैं जो शिवराज सरकार में भी मंत्री थे और उन्हे पार्टी का कद्दावर नेता माना जाता है| मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों से लेकर अन्य फैसलों से तो यही साफ दिखाई पड़ा कि अपने मूंछों पर ताव देने वाले कई मंत्रियों को ‘मोहन ने मर्दन’ कर दिया है और वो अपनी इज्जत बचा कर सरकार में पोर्ट पोलियो लेकर बैठे हैं| किसी भी मंत्री के पास जाओ तो काम नहीं होता उनका जवाब यही होता है कि काम नहीं हो रहे हैं| सभी विभागों में एक और रोना है कि राशि नहीं है जिसके कारण काफी उम्मीदें लेकर आने वाले लोग बेमन वापस लौट जाते हैं और मंत्री अपने आप को लाचार महसूस करने लगते हैं| इस वक्त भाजपा के किसी विधायक के पास बैठो उसका यही सवाल होता है कि सरकार में किसकी चल रही है| यही हाल मंत्रियों का भी है वो खुल कर तो नहीं बोलते लेकिन दवी जुवां यह जरुर कहते हैं कि प्रदेश सरकार में चल किसकी रही है| जिस प्रकार से मंत्री खुद को बेबस महसूस करते हैं ठीक उसी प्रकार संगठन के भी कई लोग खुद को सीएम के आगे बेबस महसूस कर रहे हैं| कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि इस सरकार में जिस प्रकार से सीएम यादव ने जाति को बढ़ावा देने का काम किया है वो अब धीरे-धीरे सबके सामने आने लगा है| कोई खुल कर तो नहीं बोल रहा है लेकिन सभी को यह समझ में आने लगा है कि सरकार के प्रमुख जगहों पर यादव समाज के लोगों को ही बैठाया जा रहा है|
What's Your Reaction?