मोहन सरकार ने 47 विभागों की 125 योजनाओं को रोका,मंत्रियों के बंगलों के भी रुके काम,नहीं होगा रेनोवेशन

Jul 28, 2024 - 08:44
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मोहन सरकार ने 47 विभागों की 125 योजनाओं को रोका,मंत्रियों के बंगलों के भी रुके काम,नहीं होगा रेनोवेशन

मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से चलाई जा रही कई योजनाओं पर राशि का अकाल पड़ चुका है| हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि 47 विभागों की 125 योजनाओं को फिलहाल रोक दिया गया है| Mukhbirmp.com को मिली सूचना के मुताबिक लाड़ली लक्ष्मी, पीएम जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) और महाकाल विकास समेत 47 विभागों की 125 योजनाओं को मध्य प्रदेश सरकार ने रोक दिया है। वित्त विभाग ने निर्देश दिया है कि इन योजनाओं के लिए पैसा उसकी अनुमति के बिना नहीं निकाला जाएगा। यही वजह है कि लाड़ली लक्ष्मी और 124 अन्य योजनाओं का फंड रुका हुआ है। बजट पेश करने के एक हफ्ते बाद 10 जुलाई को, एमपी सरकार ने राज्य के लिए एक जेट विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी| लेकिन अब राम वन गमन पथ, मंत्रियों के बंगलों का नवीनीकरण और तीर्थ यात्रा योजना सहित कई प्रमुख योजनाओं के लिए धन रोकने का फैसला किया गया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को 'फंड-होल्ड' सूची में डाली गई परियोजनाओं के मामले में सबसे बड़ी मार पड़ी है। इसके बाद शहरी विकास और आवास विभाग, किसान कल्याण और कृषि विकास का स्थान है। वित्त विभाग की ओर से 23 जुलाई को जारी निर्देश के मुताबिक लोक स्वास्थ्य और किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं की भी राशि बिना मंजूरी के नहीं निकाली जा सकेगी। सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को 'फंड-होल्ड' सूची में डाली गई परियोजनाओं के मामले में सबसे बड़ी मार पड़ी है। इसके बाद शहरी विकास और आवास विभाग, किसान कल्याण और कृषि विकास का स्थान है। वित्त विभाग की ओर से 23 जुलाई को जारी निर्देश के मुताबिक लोक स्वास्थ्य और किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं की भी राशि बिना मंजूरी के नहीं निकाली जा सकेगी। सरकार की प्रमुख वित्तीय जिम्मेदारियों में लाडली बहना योजना भी शामिल है, जिस पर हर महीने करीब 1,600 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यह योजना पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी और इसे बीजेपी के लिए गेम चेंजर बताया गया था। इस योजना के लिए अभी तक धन की कोई बाधा नहीं आई है। पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी नई सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला। मप्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 42,500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इसमें से नई मोहन यादव सरकार ने मार्च तक केवल तीन महीनों में 17,500 करोड़ रुपए लोन में लिए थे। रोकी हुई योजनाओं पर कब और कैसे फिर से काम शुरु करना है सरकार उस पर विचार कर रही है| सरकार की तरफ से रोकी गई यह योजनाएं कुछ समय तक के लिए हैं धन की कमी दूर होते ही सभी योजनाओं को फंड जारी कर दिए जाएंगे|

 

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