शासकीय कर्मचारियों के दबाव में मोहन सरकार,रिटायरमेंट सीमा 65 करने पर फंसी सरकार,शिक्षकों ने दी धमकी

शासकीय सेवकों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने के मामले में अब प्रदेश की मोहन सरकार (mohan government) फंसती नजर आ रही है। दरअसल शासकीय सेवकों (mp government employees) की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष की जाती है तो चयनित शिक्षकों की नियुक्ति पर असर पड़ेगा। एक तरफ सरकारी नौकरी नहीं निकल रही है, युवा बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में राज्य की मोहन सरकार शासकीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु 62 से बढ़ाकर 65 साल करने की तैयारी कर रही है। इधर, इस फैसले से चयनित शिक्षकों में चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि चार सालों से हम नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में यदि सरकार ऐसा कुछ फैसला लेती है तो चयन के बावजूद हम बाहर हो जाएंगे। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के चयनित उम्मीदवार इस कवायद से चिंतित हैं। मंत्रालय में मौजूद सूत्रों के अनुसार सरकार रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने जा रही है। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के चयनित शिक्षकों का कहना है कि चयनित होने के बावजूद हम नियुक्ति-पत्र का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में पुराने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ने से उनके हाथ में आया यह अवसर भी खत्म हो जाएगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के चयनित उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा है कि सरकार ने कुछ साल पहले ही सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 की थी। इस प्रकार से सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने से शिक्षित युवाओं को मौका नहीं मिल रहा है, वहीं बेरोजगारों की लिस्ट बढ़ती जा रही है। इससे चयनित शिक्षक जिन्हें अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है, वो बेहद चिंतित है। उनका कहना है कि यदि सरकार ऐसा करती है तो चयन के बावजूद हमारे हाथ से सरकारी नौकरी का मौका निकल जाएगा। हजारों चयनित शिक्षकों में से कई ओवरएज हो जाएंगे। शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार बार-बार आयु ही बढ़ाती रहेगी तो युवाओं का भविष्य अंधकार में आ जाएगा। सेवानिवृत्ति की आयु पहले की तरह 60 साल करना चाहिए। प्रदेश में 2018 तक सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 साल थी. 2018 की विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने जून 2018 से इसे बढ़ाकर 62 साल कर दिया था. अब 6 साल बाद फिर से सरकारी कर्मचारियों के रिटायर होने की आयु सीमा को बढ़ाकर 65 साल करने की तैयारी की जा रही है. आयु सीमा बढ़ाए जाने का सरकार को वित्तीय लाभ भी होगा. दरअसल, वित्तीय स्थिति ठीक ना होने से सेवानिवृत्ति पर शासन को एक मुश्त भुगतान की राशि भी कर्मचारियों को नहीं देनी पड़ेगी। उधर इस प्रस्ताव को लेकर राज्य सरकार ने वित्त विभाग से अभिमत मांगा है। वित्त विभाग से पूछा गया है कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने से विभाग की वित्तीय स्थिति पर क्या फर्क पड़ेगा। हांलाकि सरकार अब अपने फैसले पर ही विचार कर रही है क्योंकि आगे लोकसभा चुनाव है और अगर प्रदेश का युवा सरकार के फैसले से नाराज हुआ तो लोकसभा चुनाव में काफी दिक्कतें आ सकती हैं।

Feb 6, 2024 - 12:47
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