मोहन सरकार का बड़ा फैसला, ‘आनंद ग्राम’ बनाएगी सरकार, हैप्पीनेस के पैमाने का IIT से कराया जाएगा मूल्यांकन

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार न सिर्फ प्रदेश की जनता को आर्थिक रुप से सक्षम बनाने का प्रयास कर रही है बल्कि राज्य सरकार हैप्पीनेस के पैमाने का मूल्यांकन कराने की भी योजना तैयार कर रही है। इसके लिए किसी उच्च शिक्षा संस्थान या आइआइटी का सहयोग लिया जाएगा। वहीं शहरों की अपेक्षा अब प्रदेश के गांवों को आनंद ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऐसे ग्राम, जहां सद्भावना, भाईचारा, परस्पर सहयोग और आनंद का भाव प्रमुख हो, उन्हें उदाहरण के रूप में सामने लाया जाएगा। तनावमुक्ति और आनंदित व्यवहार के प्रशिक्षण के लिए ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, नगर निगम और नगर पालिका के कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी शामिल किए जाएंगे। इसी तरह वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए हर जिले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सहयोग से एक आनंद केंद्र अथवा भवन बनाया जाएगा। आनंद कार्यों के लिए बुजुर्गों की सेवाएं भी ली जाएंगी। वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रत्येक जिले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सहयोग से एक केंद्र अथवा भवन बनाया जाएगा। ये भवन मांगलिक भवन से भिन्न होंगे और यहां शहर के प्रबुद्ध वर्ग के साथ आम नागरिकों की उपस्थिति में रचनात्मक कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। आनंद विभाग अपनी गतिविधियों का संचालन, खेल, स्कूल, उच्च शिक्षा विभाग और जन अभियान परिषद जैसी संस्थाओं का सहयोग लेकर संयुक्त रूप से करेंगे। आनंद के लिए विभिन्न नगरों में कार्य करने वाली संस्थाओं के कार्यों का अध्ययन कर सूचीबद्ध किया जाएगा, जिससे अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसे सामाजिक कार्य किए जा सकें।
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