श्रीअन्न उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये मोहन सरकार का ऐतिहासिक फैसला
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रीअन्न उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये ऐतिहासिक फैसला लेते हुए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना को लागू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में श्रीअन्न के विस्तार के लिये निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। साथ ही मध्यप्रदेश राज्य मिलेट्स मिशन संचालित है। प्रदेश में “श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फॉर्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड’’ के नाम से मिलेट फेडरेशन का पंजीयन भी कराया गया है। प्रदेश में वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में व्यापक तौर पर मनाया गया। मिलेट्स के उत्पादन और उपयोग के प्रोत्साहन के लिये निरंतर कार्यक्रम किये जा रहे हैं। प्रदेश में मिलेट फसलें जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, रागी आदि किसानों द्वारा उगाई जाती है। इनमें कोदो-कुटकी की खेती मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों जैसे मंडला, डिंडौरी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, छिन्दवाड़ा आदि जिलों में की जाती है। रागी की खेती प्रदेश में डिण्डोरी, मण्डला, सिवनी और जबलपुर में व्यापक तौर पर की जाती है। प्रदेश के खरगौन, खण्डवा, बड़वानी, छिंदवाड़ा, बैतूल, राजगढ़ और गुना जिले में ज्वार की खेती होती है। प्रदेश में बाजरे की खेती मुख्य रूप से मालवा क्षेत्र में होती है। मिलेट्स की खेती मुख्यत: खरीफ ऋतु में की जाती है।
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