प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को अचार संहिता लगने से पहले मिलेगा डीए,सरकार ने बनाई कार्ययोजना
मध्य प्रदेश के सात लाख से अधिक शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को आठ माह से चार प्रतिशत महंगाई भत्ते की वृद्धि का इंतजार कर रहे हैं (mp government employees)। विधानसभा चुनाव के समय शिवराज सरकार ने राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 42 से बढ़ाकर 46 प्रतिशत करने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा था, लेकिन तब मतदान के प्रभावित होने की संभावना के चलते अनुमति नहीं मिली। कर्मचारियों को आशंका है कि यदि मार्च के पहले पखवाड़े तक इस पर निर्णय नहीं हुआ तो मामला जून तक अटक जाएगा। हालांकि मोहन सरकार डीए बढ़ाने का मन बना रही है, इसके लिए सरकार ने अर्ध बजट में प्राविधान भी किया है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने चार फीसदी डीए बढ़ाने की घोषणा नहीं की है। जिसके चलते शासकीय सेवकों में राज्य सरकार के प्रति नाराजगी भी देखने को मिल रही है। जबकि केंद्र सरकार जुलाई 2023 से अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को 46 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता और राहत दे रही है। अभी तक जब भी केंद्र सरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि करती थी तो मध्य प्रदेश शसरकार भी इसका लाभ अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को देती थी लेकिन इस बार मामला लंबा अटक गया। विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले शिवराज सरकार ने चुनाव आयोग को महंगाई भत्ते व राहत में वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अनुमति नहीं मिली। आचार संहिता के कारण और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हालांकि, इस बीच सरकार ने आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों का चार प्रतिशत महंगाई भत्ता जुलाई 2023 से बढ़ा दिया। राज्य के कर्मचारी और पेंशनर भी मांग कर रहे हैं कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की तरह उनका भी महंगाई भत्ता और राहत बढ़ाया जाए। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार वित्त विभाग भी इसके लिए सभी तैयारी कर चुका है और सरकार के स्तर से निर्णय की प्रतीक्षा है। लोकसभा चुनाव की घोषणा मार्च के पहले पखवाड़े में संभावित है। यदि इसके पहले सरकार ने निर्णय लेकर कर्मचारियों को लाभांवित नहीं किया तो फिर जून तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। मंत्रालय में पदस्थ सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव चुनाव आचार संहिता लगने से पहले कर्मचारियों को चार फीसदी डीए देने की घोषणा कर देंगे। जिससे कर्मचारियों की नाराजगी को दूर किया जा सके।
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