नमामि गंगे अभियान का सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया आगाज,बेतवा के उद्गम स्थल पर मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
मध्य प्रदेश में बुधवार से नमामि गंगे अभियान का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी बहेड़ा से अभियान का आगाज किया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने वहां पौधारोपण भी किया। अभियान के अंतर्गत जल संरचनाओं के संरक्षण, स्वच्छता और अतिक्रमण मुक्त करने के काम होंगे। 'नमामि गंगे अभियान' पांच से 16 जून तक चलाया जाएगा। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों एक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि नदियों के पुनर्जीवन, जल संरक्षण और बरसात के पहले नालों की साफ-सफाई जैसे कार्य जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के सहयोग से अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे। प्रदेश के नगरीय और ग्रामीण इलाकों में 'नमामि गंगे अभियान' को जनता का अभियान बनाने के लिए प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा था कि जल संरक्षण, पौधारोपण, पुराने नदी, तालाब एवं बावड़ी जैसे जलस्रोतों के संरक्षण के लिए सरकार व समाज, दोनों ही स्तर पर कार्य होना चाहिए। पौधारोपण अभियान के लिए भी ऐसी नदियों के किनारे पौधे लगाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए, जो कटाव के कारण अस्तित्व खो रही हैं। ऐसे स्थानों पर पौधारोपण के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश के मालवा अंचल में जलस्रोतों के संरक्षण के लिए ऐसे प्रयास होना चाहिए कि मिट्टी की अधिकता के कारण नदियों के कटाव को रोकने में भी सफलता मिले। प्राचीन बावड़ियां हमारी धरोहर हैं। बावड़ियां, कुंओं से इस अर्थ में भिन्न हैं कि वे पेयजल का स्रोत होने के साथ ही किसी समय नागरिकों के लिए ग्रीष्मकाल में राहत का माध्यम भी रही हैं। ऐसी बावड़ियों के सुधार और स्वच्छता के लिए अभियान के अंतर्गत प्रयास किए जाएं। विभिन्न नदियों पर घाट निर्माण का कार्य व्यक्तिगत स्तर पर भी किया जाता है। ऐसे समाजसेवी और पर्यावरण प्रेमियों का सम्मान भी होना चाहिए।
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