नवरात्रि बीतने चली नहीं घोषित हुई मप्र कांग्रेस कार्यकारिणी,कार्यकर्ताओं में घोर निराशा का दौर,पटवारी के नेतृत्व में नहीं रहा विश्वास
विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान युवा नेतृत्व के हाथों में सौंपी गई थी| माना जा रहा था कि जीतू पटवारी कांग्रेस को नई गति देंगे लेकिन उनके नेतृत्व में पहले लोकसभा का चुनाव बगैर कार्यकारिणई के लड़ी और नतीजे के तौर पर भाजपा ने क्लीनसीव कर दिया| प्रदेश की 29 में 29 सीटें भाजपा ने जीत कर इतिहास के पन्नों में खुद को दर्ज करवा दिया| लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नाकामियों का सिलसिला लगातार जारी रहा| अमरवाड़ा विधानसभा का उपचुनाव भी जीतू पटवारी के नेतृत्व में हुआ जहां कांग्रेस को हार का सामाना करना पड़ा| कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का साफ कहना है कि पार्टी ने उन्हे एक ऐसा अध्यक्ष दिया है जिसके पास कोई प्लान ही नहीं है| अखबार के ज्ञान पर कांग्रेस अध्यक्ष की रणनीति आधारित होती है| कांग्रेस अध्यक्ष प्रेस वार्ता भी करते हैं तो अखबार की कांपियां लेकर बैठते हैं और उसमें वो यही बताते हैं कि अखबार में यह खबर छपी है| मतलब साफ है कि जीतू पटवारी के पास खुद का कोई विजन और प्लान नहीं है जिसके कारण कांग्रेस आगे नहीं बढ़ रही है| लगातार यह अफवाह उड़ाई जा रही थी कि नवरात्रि के दौरान कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी जाएगी लेकिन अब नवरात्रि भी बीतने चली और अब तक कांग्रेस की कार्यकारिणी का कोई पता-ठिकना नहीं है| कार्यकारिणी घोषित नहीं होने के कारण कार्यकर्ताओँ में लगातार असंतोष की स्थिति देखनो को मिल रही है| कोई कार्यकर्ता खुल कर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन दीवार के इस पार और उस पार कांग्रेस के कार्यकर्ता खुद में कानाफूसी करते नजर आते हैं और यही कहते हैं कि उन्हे जीतू पटवारी से जो उम्मीद थी उसमें वो खरे नहीं उतरे हैं|
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