कांग्रेस के नामांतरण में पटवारी की लापरवाही,पट्टे के लिए दिल्ली से भोपाल तक भटक रहे सैकड़ों दावेदार
मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी पटवारी द्वारा बनाए जा रहे नामांतरण की तरह ही हो चुकी है| करीब सात महीने पहले जीतू पटवारी को पीसीसी चीफ बनाया गया था उसके कुछ समय बाद ही उन्होने प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया था| नई कार्यकारिणी के लिए कांग्रेस की तरफ से बड़ी-बड़ी बातें की गई हुआ कुछ नहीं| कार्यकारिणी के नाम पर कांग्रेस में अब तक दर्जन भर से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं जिसमें इतनी बात निकल कर सामने आई कि इस बार पार्टी जंबो कार्यकारिणी नहीं बल्कि छोटी कार्यकारिणी बनाएगी और युवा कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा| बात यह भी निकल कर सामने आई कि भारतीय जनता पार्टी की तर्ज पर जिला महामंत्री और प्रदेश महामंत्री भी बनाए जाएंगे लेकिन अब तक उस पर भी काम नहीं हुआ| प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों में उप चुनाव होना है जिसकी तैयारी भी कांग्रेस पार्टी ने शुरु कर दी है लेकिन आए दिन उसमें भी बदलाव हो जाता है| जिस तरह कांग्रेस अपनी रणनीति बदलती है उससे साफ नजर आता है कि नौसिखिया पटवारी ने नामांतरण बनाया है| कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भी किसी नौसिखिए तहसीलदार से कम नजर नहीं आते,पीसीसी में बैठक करते हैं और फिर कहते हैं दस दिन के अंदर नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी लेकिन वो दस दिन कांग्रेस के कैलेंडर में कब आएंगे इस बात की जानकारी भी प्रदेश प्रभारी ने नहीं दी| पार्टी के कार्यकर्ता उस दस दिन का इंतजार ठीक उसी प्रकार कर रहे हैं जिस प्रकार दस दिन के अंदर राहुल गांधी ने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ करने का दावा किया था और वो दस दिन आज तक नहीं आए| बात सिर्फ पटवारी की कार्यशैली की ही नहीं है बात कांग्रेस हाई कमान के सोच की भी है जिसने एक ऐसे ब्यक्ति को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जो खुद का चुनाव नहीं बचा पाए और वो दूसरों को चुनाव जिताने की रणनीति तैयार कर रहे हैं| मजे की बात यह है कि भाजपा के मझे हुए खिलाड़ियों के सामने कांग्रेस ने नौसिखिए पटवारी को सामने करके यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस ने वास्तव में एक नाइट वाचमैन को मैदान में उतार दिया है जो कुछ समय के लिए बैटिंग करने के लिए उतरा है|
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