नया युवा नहीं बनना चाहते नेता,सीएम यादव से छात्रों ने नौकरी पर जताया विश्वास

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जीवन में सफलता के लिए योग्यता के साथ-साथ नैतिक मूल्यों और संस्कारों का अनुसरण आवश्यक है। मेरिट में आए विद्यार्थी यदि अपनी योग्यता का उपयोग केवल स्वयं के लिए करेंगे तो उनकी प्रतिभा का लाभ समाज को नहीं मिल पाएगा। नैतिक मूल्यों का अनुसरण करते हुए सबके हित और सबके सुख का ध्यान रखकर किए गए कार्य न केवल समाज अपितु राष्ट्र की प्रगति में विद्यार्थियों के योगदान का मार्ग प्रशस्त करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व का सबसे महान देश बनने के मार्ग पर अग्रसर है। ऐसे में मेरिट में आए विद्यार्थी अपनी योग्यता, क्षमता और निपुणता से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर समाज हित और देश की उन्नति में हरसंभव योगदान दें। लक्ष्य प्रगति में ही उनकी श्रेष्ठता सही अर्थों में सिद्ध होगी और भारत को प्रगति पथ पर अग्रसर करने में सार्थक योगदान दे सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मेधावी विद्यार्थियों को ई-स्कूटी वितरण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।समारोह में 10 मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबी प्रदान की तथा उनके साथ स्कूटी चलाकर उनका उत्साहवर्धन भी किया। माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की परीक्षा में शासकीय विद्यालयों के टॉपर्स को स्कूटी प्रदान करने की इस योजना के अंतर्गत संपूर्ण प्रदेश में 7 हजार 900 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम में स्कूटी की चाबी देते समय सीएम ने कुछ छात्रों से पूछा आप क्या बनना चाहते हैं। किसी ने डॉक्टर,किसी ने इंजीनियर तो किसी ने प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए कहा। उन छात्रों में एक ने भी नहीं कहा कि वो नेता बनना चाहते हैं जिस पर सीएम यादव ने निराशा भी ब्यक्त की।
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