मोहन के बजट में शासकीय कर्मचारियों के लिए नहीं स्थान,नहीं मिलेगा कर्मचारियों को डीए
मप्र में शासकीय सेवकों का चार फीसदी डीए लंबे समय से लंबित है। जबकि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को कई महीने से 46 फीसदी डीए मिल रहा है। एमपी सरकार (mp government) सोमवार को अपना अर्ध बजट पेश करने है। लेकिन पता चल रहा है कि इस बजट में शासकीय कर्मचारियों (mp government employees) के डीए के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। मंत्रालय में मौजूद सूत्रों के मुताबिक जो बजट तैयार किया गया है उसमें फिलहाल एमपी के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को किसी प्रकार की राहत नहीं मिलने वाली है। ऐसा नहीं है कि सरकार को कर्मचारियों के लंबित डीए की जानकारी नहीं है। पिछली कैबिनेट में इस मामले पर चर्चा भी हुई थी लेकिन वहां पर मौजूद प्रमुख सचिव वीरा रामा का तर्क था कि अगर शासकीय सेवकों को चार फीसदी डीए की राशि दी जाएगी तो सरकार के खजाने पर अतिरिक्त भार आएगा। पहले से ही लाड़ली बहना योजना के कारण सरकार को हर महीने कर्ज लेना पड़ रहा है। ऊपर से कर्मचारियों का डीए दिया जाता है तो उसकी राशि की ब्यवस्था करना सरकार के लिए टेढ़ी खीर हो जाएगा। इसी लिए फिलहाल जो बजट पेश होने वाला है उसमें राज्य के शासकीय सेवकों को डीए के लिए किसी प्रकार का प्राविधान नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि कर्मचारियों को डीए देना भी जरुरी है नहीं तो उनमें नारागी बढ़ जाएगी। इन सभी बातों के बाद यह भी फैसला लिया गया है कि लोकसभा चुनाव के बाद शासकीय सेवकों के डीए पर विचार किया जाएगा।
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