अब चलेगी 'तोमर साही' राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों का ही जारी होगा पास
मप्र विधानसभा में तानाशाही का दौर शुरु हो चुका है। दरअसल सात फरवरी से शुरु हो रहे विधानसभा के बजट सत्र (mp vidhansabha) में नए विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) ने पत्रकार दीर्घा के लिए नई गाईडलान तय कर दी है। जिसके बाद विधानसभा में सैकड़ों पत्रकारों और कैमरामैनों का प्रवेश वर्जित हो जाएगा। दरअसल इस बार से विधानसभा के पत्रकार दीर्घा में उन्ही पत्रकारों को प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा जिनके राज्य स्तरीय अधिमान्यता कार्ड जारी किए गए हैं। विधानसभा में मिली जानकारी के अनुसार इस बार नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा। अभी तक करीब छह सौ पत्रकारों और कैमरामैनों का पत्रकार दीर्घा के लिए पास जारी किया जाता था। लेकिन इस बार तो गाईडलाइन तय की गई है उसके तहत महज 100 पत्रकारों को ही पत्रकार दीर्घा का पास जारी हो पाएगा। विधानसभा का तर्क है कि वो सोशल मीडिया के माध्यम से न्यूज चैनलों और न्यूज पेपरों को खबरें जारी करते हैं तो फिर विधानसभा में पत्रकारों का आने का कोई मतलब ही नहीं है। लिहाजा पत्रकारों की संख्या करने के लिए इस प्रकार की गाईडलाइन तय की जा रही है जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटे। अब अगर विधानसभा सिर्फ राज्य स्तरीय पत्रकारों के लिए ही पास जारी करेगा तो जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार विधानसभा नहीं जा पाएंगे। इसके अलावा उन युवा पत्रकारों की भी संख्या बड़ी है जो अभी तक किसी भी श्रेणी में अधिमान्य नहीं हैं। मतलब साफ है कि विधानसभा में अब तानाशाही का दौर तेज हो गया है। जो वो बताना चाहेंगे और दिखाना चाहेंगे वही मीडिया में चल पाएगा। जो वरिष्ठ पत्रकार हैं वो सब जानते हुए भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हैं और जो जूनियर पत्रकार हैं वो बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। लिहाजा इस बार के विधानसभा सत्र में पत्रकारों का प्रवेश मुश्किल होने वाला है।
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