अब देश के जनता ने की राम-राम,किसकी किस्मत कहेगी जय श्रीराम,अब तो 'शिव' का होगा सहारा
2014 के बाद देश की जनता ने कुछ अलग करने का प्रयास किया है। देश की जनता ने यह बताने का प्रयास किया है कि बार-बार एक ही चेहरा बर्दास्त नहीं होगा। दो बार देश की जनता ने एक ही चेहरे पर विश्वास जताया और यह माना कि उनके अच्छे दिन आएंगे लेकिन देश की जनता को समझते-समझते दस साल लग गए कि उनके अच्छे दिन नहीं आए। भगवान राम के मंदिर और धारा 370 को आधार बना कर भाजपा लगातार दो बार सत्ता में आई। ऐसा नहीं है कि एनडीए की सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया जो वादा किया उसे 100% फीसदी पूरा किया लेकिन उसके बाद भाजपा के नेताओं ने मोदी जी को अवतारी पुरुष बता दिया। यहां तक कह डाला कि भगवान जगन्नाथ मोदी जी के मक्त हैं यहां मोदी भक्ति की पराकाष्ठा हो गई यही सब सुन कर देश की जनता बरदास्त नहीं कर पाई। जिस यूपी के दम पर भाजपा सरकार बनाने का दावा करती थी उसी यूपी ने भाजपा को आइना दिखा दिया। हद तो तब हो गई जब अयोध्या की जनता ने भी भाजपा के उम्मीदवार को नकार दिया इतना ही नहीं टीवी सीरियल में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को भी मेरठ की जनता ने भगवान मानने से इंकार कर दिया। जिस पश्चिम बंगाल की ओर भाजपा टकटकाई आंखों से देख रही थी उस पश्चिम बंगाल की जनता ने भी भाजपा को नकार दिया है। अब सवाल इस बात का उठ रहा है कि क्या देश की जनता ने पीएम मोदी को नकार दिया है। इस बात को लेकर सभी के मन में सवाल चल रहे हैं। अब यह माना जा रहा है कि भाजपा खुद के बल पर सरकार बनाने से रही मतलब अब भाजपा को सहयोगी संगठनों का सहारा लेना पड़ेगा और अगर सहयोगी दलों ने मोदी के नाम पर सहमति नहीं दी तो अगला पीएम कौन होगा। ऐसे में एक ही नाम सामने आता है जिस पर सभी की सहमति बन सकती है वो हैं एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान।
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