अब जनता चुनेगी 'जिला और जनपद पंचायत अध्यक्ष',पंचायत राज अधिनियम में संशोधन की तैयारी
प्रदेश की मोहन सरकार एक बड़ा संशोधन कर प्रदेश की जनता को बड़ा अधिकार देने की तैयारी में है। दरअसल प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश पंचायतराज अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी कर रही है जिसके तहत महापौर की तरह ही स्थानीय जनता जिला और जनपल पंचायत के अध्यक्षों को खुद चुन सकेगी। अभी जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष निर्वाचित सदस्यों के माध्यम से चुने जाते हैं। पंचायत चुनाव वैसे तो गैरदलीय होता है लेकिन इसमें राजनीतिक दलों का पूरी तरह से दखल रहता है। जिस दल की संख्या अधिक रहती है उसका समर्थित ब्यक्ति ही अध्यक्ष बन जाता है। जिन निकायों में एक दल के समर्थकों का बहुमत नहीं होता है वहां सदस्यों को प्रलोभन दिए जाने के साथ धमकाने की शिकायतें भी सामने आती हैं। इसे देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायत अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरु कर दी है। इसके लिए पंचायत राज संचालनालय ने अन्य राज्यों के प्राविधानों की जानकारी मंगाई है ताकि उनका अध्ययन कर अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया जा सके। प्रदेश में 52 जिला और 313 जनपद पंचायतें हैं। प्रत्येक जिला पंचायत में औसत 15 सदस्य होते हैं। वर्तमान व्यवस्था में सदस्यों का चुनाव होता है और निर्वाचन के बाद सदस्यों का सम्मेलन बुलाया जाता है। जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होता है। कई बार मुकाबला बराबरी या नजदीकी होने के कारण सदस्यों को प्रलोभन देकर या डरा-धमका कर समर्थन प्राप्त कर लिया जाता है। इससे चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं।
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