मोदी सरकार को लेकर फलोदी सट्टा बाजार ने चौंकाया,करीब 20 सीटों का होने जा रहा नुकसान
मतगणना चार जून को है उसके पहले फलोदी सट्टा बाजार पर सभी की नजरें टिकी हैं। फलोदी ने जो नया सर्वे जारी किया है उसके मुताबिक भाजपा इस बार उत्तर प्रदेश में 55 से 65 सीट ले रही है जबकि समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party ) और कांग्रेस ( Congress ) यानी इंडिया गठबंधन को मजबूत दिखाया जा रहा है। इस बार इंडिया गठबंधन को यूपी में पहले से अधिक सीटें दी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश की कुछ ऐसी हॉट सीटें हैं जिनपर राजनीतिक गलियारों से लेकर सट्टा बाजारों तक की खास नजर है। इनमें मुख्य रूप से सहारनपुर, मेरठ, नगीना, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, केसरगंज, घोसी, गौतमबुद्धनगर की सीटे हैं। इसकी वजह ये है कि, सहारनपुर से इमरान मसूद चुनाव मैदान में हैं, मेरठ से अरुण गोविल चुनाव मैदान मे हैं। वाराणसी से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। नगीना सीट से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर चुनाव मैदान में उतरे हैं। अमेठी से स्मृति इरानी चुनाव लड़ रही हैं तो सुल्तानपुर से मेनका गांधी चुनाव मैदान में हैं। रायबरेली सीट पर राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतरे हैं। यही कारण है कि इन सीटों पर यूपी ही नहीं बल्कि देश दुनिया की नजर है। सट्टा बाजार में भी इन सीटों का खासा क्रेज है। बताया जा रहा है कि इन सीटों पर पुनः सर्वे के बाद बदले हुए अनुमान जारी किए जा रहे हैं। देश के सबसे चर्चित सट्टा बजार का अनुमान भी मतदान के चरणवार बदल रहा है। 13 मई को सट्टा बाजार की ओर जारी अनुमान में कहा गया था कि भाजपा को इस बार ( Phalodi Satta Bazar on BJP ) लोकसभआ चुनाव 2024 में करीब 300 सीटें मिल रही हैं। इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी को महज 40 से 42 सीटों पर ही समेट दिया गया था। इतना ही नहीं यह तक कहा गया कि 2019 के चुनावों में मिली 52 सीटें भी इस बार कांग्रेस को नहीं मिल रही। ये अनुमान दूसरे चरण के बाद धड़ाम हो गए। करीब एक सप्ताह बाद ही फलोदी सट्टा बाजार का नया अनुमान जारी हुआ जिसमें कहा गया कि भाजपा का ग्राफ 300 सीटों से नीचे गिर गया है और एनडीए को 80 से 85 सीटों तक पहुंचा दिया गया है। इस तरह चरणवार ये अनुमान बदलते रहे। अब जो नए अनुमान आए हैं उसके मुताबिक एक बार फिर कांग्रेस की सीटों में इजाफा दिख रहा है। सट्टा गैर कानूनी होता है और Mukhbirmp.com एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते किसी भी प्रकार के सट्टे का समर्थन नहीं करता है और न ही इस खबर की पुष्टि करता है।
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