मोदी के मंत्रिमंडल में सामान्य वर्ग के साथ खेला,एमपी से एक भी चेहरे को नहीं मिला मौका,72 मंत्रियों ने ली शपथ

Jun 10, 2024 - 08:09
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मोदी के मंत्रिमंडल में सामान्य वर्ग के साथ खेला,एमपी से एक भी चेहरे को नहीं मिला मौका,72 मंत्रियों ने ली शपथ
Modi Cabinet

मोदी 3.0 के कार्यकाल में एमपी से छह नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मोदी के जंबो कैबिनेट में हर क्षेत्र को साधने की कोशिश की गई लेकिन एमपी से जिस प्रकार एक भी सामान्य वर्ग के नेता को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया उससे राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान और परेशान हैं। माना जा रहा था कि जिस प्रकार से चुनाव में एमपी ने क्लीन स्वीप किया है उसका इनाम प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को जरुर मिलेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मोदी ने एमपी से सामान्य वर्ग को छोड़ कर हर वर्ग और हर क्षेत्र को साधने का प्रयास किया लेकिन सामान्य वर्ग को छोड़ दिया। पिछले मंत्रिमंडल में नरेन्द्र सिंह तोमर को सामान्य वर्ग का नेता के रुप में मोदी कैबिनेट में स्थान दिया गया था लेकिन इस बार उनको विधानसभा भेजने के बाद उनके विकल्प के तौर पर किसी अन्य सामान्य वर्ग के नेता को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया है। मोदी मंत्रिमंडल में ओवरआल बात की जाए तो सबसे ज्यादा 27 ओबीसी नेताओं को मंत्री बनाया गया है। दस एससी वर्ग से हैं,पांच एसटी वर्ग से और पांच अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। इन्ही जातीय समीकरणों से 18 मंत्री कैबिनेट या स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री हैं जो अपने-अपने मंत्रालयों का नेतृत्व करेंगे। इस मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के 11 सांसदों को भी मंत्री बनाया गया है। इस मंत्रिमंडल में एक और बात देखने को मिली जो भेदभाव है यूपी ने इस चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका दिया जिसके कारण भाजपा 272 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने में नाकाम रही फिर भी यूपी को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है ये कह कर कि वहां स्थिति सुधारनी है और पार्टी को फिर मजबूत करना है। 2019 के मंत्रिमंडल में भी यूपी से सबसे ज्यादा मंत्री बनाए गए ये कह कर कि वहां से सबसे ज्यादा सांसद जीत कर आए हैं। उसके अनुपात में एमपी में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया विपक्ष को एक भी सीट नहीं मिली फिर भी एमपी के साथ भेदभाव देखने को मिला।

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