जिला अध्यक्षों की घोषणा से पहले डैमेज कंट्रोल की तैयारी,दो घंटे तक सीएम हाउस में चली बैठक
मध्य प्रदेश भाजपा के जिला अध्यक्षों की सूची को लेकर पेंच अब भी फंसा हुआ है। दरअसल प्रदेश के अधिकतर जिलों को लेकर पार्टी में सहमति बन गई है जिसका पैनल बना कर दिल्ली भेज दिया गया है। लेकिन अब भी करीब 30 जिले ऐसे हैं जहां पर अध्यक्ष पद को लेकर संशय बना हुआ है। भाजपा ये भी चाहती है कि सूची जारी होने से पहले नेताओं में आपसी सहमति बन जाए। क्योंकि सूची जारी होने के बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों से विरोध की आवाज उठना स्वभाविक है लिहाजा भाजपा डैमेज कंट्रोल की तैयारी में भी अभी से जुट गई है। सूचना के मुताबिक करीब 30 सीटों पर अब भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में सहमति नहीं बनी है। बड़े नेताओं के बीच जिला अध्यक्षों के नाम को लेकर मतभेद हैं जिसके कारण सभी जिलों की सूची एक साथ जारी होना मुस्किल बताया जा रहा है। नेताओं के बीच आपसी सहमति बनाने के लिए सोमवार दोपहर सीएम डॉ. मोहन यादव,प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने ने घंटो तक बैठक कर मंथन किया है। इस बैठक में 30 से 35 सीटों पर एक बार फिर मंथन किया गया है। करीब दो घंटो तक जिलेवार सिंगल नामों पर चर्चा चली है। मंथन के चलते माना जा रहा था कि देर रात तक आदे जिला अध्यक्षों की घोषणा हो जाएगी लेकिन अध्यक्ष पद के दावेदारों का इंतजार फिर बढ़ गया। अब माना जा रहा है कि आज मंगलवार अथवा बुधवार को भाजपा जिला अध्यक्षों के घोषणा का सिलसिला शुरु कर देगी। सूची जारी करने से पहले पार्टी की तरफ से सभी वरिष्ठ नेताओं से बात भी की जा रही है। जो संभावित दावेदार हैं उनसे भी बात की जा रही है। पार्टी की तरफ से डैमेज कंट्रोल के लिए एक टीम के गठन की भी बात सामने आ रही है। भाजपा के पदाधिकारी ये नहीं चाहते कि जो नेता अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे वो बागी तेवर अपनाएं लिहाजा नेताओं को मनाने के लिए पार्टी की तरफ से एक कमेटी का गठन कर दिया जाए जिससे नाराज नेताओं को मनाने का काम भी हो सके और आपसी सहमति से जिला अध्यक्ष के चुनाव का काम हो जाए।
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