ग्रामीण विकास विभाग के लिए 27 हज़ार 870 करोड़ रुपये का प्रावधान,पंचायतों में होगा जमकर विकास
राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम विभाग के लिए अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। बजट में ग्रामीण विकास के लिए 18 हज़ार 746 करोड़ रुपये, पंचायत विभाग के लिए 9123 करोड़ रुपये और श्रम विभाग के लिए 1002 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बजट में गरीब और मध्यम वर्ग, महिलाओं से लेकर युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास का समावेश करने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मंत्री पटेल ने कहा कि यह पिछले पाँच वर्षों में मध्य प्रदेश में बजट का आकार दोगुना हो गया है। यह अभी तक का सबसे बड़ी धन राशि का बजट है। बजट में कोई टैक्स नहीं है। प्रदेश में ग्रामीण विकास और ग़रीब के कल्याण को पहली प्राथमिकता दी गई है, केंद्र के साथ मिलकर इस लक्ष्य को पूरा करने की गारंटी है। संस्कृति, पर्यावरण और रोज़गार को प्राथमिकता में रखकर बनाया गया बजट, प्रदेश को जन कल्याण की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदेश के अधिक से अधिक हितग्राहियों को प्राप्त हो सके इसके लिए 4 हज़ार करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। प्रदेश के स्व सहायता समूह को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बैंक ऋण स्वीकृत कराने में मध्यप्रदेश वर्ष 2020-21 से लगातार देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है। प्रदेश के 89 महिला स्व-सहायता समूह को नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इसी कड़ी में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अंतर्गत पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक बजट प्रावधान प्रस्तावित किया गया। राज्य शासन द्वारा पंचायत सचिवों को सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है ग्राम रोज़गार सहायकों के मानदेय को प्रतिमाह 9 हज़ार से बढ़ाकर 18 हज़ार रुपये किया गया है। जल गंगा संवर्धन अभियान में जनता की उत्साहपूर्ण एवं सकारात्मक भागीदारी देखते हुए राज्य शासन द्वारा प्रत्येक वर्ष इस अभियान को संचालित करने का निर्णय लिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में पंचायत विभाग के बजट प्रस्ताव में 31 % की वृद्धि की गई है।
बजट में श्रम विभाग के लिए अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान
राज्य सरकार द्वारा संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हित में कल्याेणकारी योजनाओं, जैसे प्रसूति सहायता, शिक्षा, चिकित्साम, विवाह, अंत्ये ष्टि एवं अनुग्रह सहायता आदि को संचालित किया जा रहा है। इन योजनाओं में योजना प्रारंभ से 61 लाख 84 हजार हितग्राहियों को लगभग रूपये 9 हजार 246 करोड़ के हितलाभ प्रदान किये गये हैं। मुख्यठमंत्री जन कल्या8ण संबल योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 67 लाख से अधिक अंसगठित श्रमिकों का पंजीयन है, जिन्हेंक योजना अंतर्गत पात्रतानुसार हितलाभ दिये जा रहे है। वर्ष 2024-25 के बजट में संबल योजना अंतर्गत रूपये 600 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
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