झूले में 'सरकार' बहनों को उपहार और खुशहाल हो परिवार की धारणा पर प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव
महाकाल की नगरी से निकले डॉ. मोहन यादव प्रदेश की महिलाओं का मन 'मोहने' में लगे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जिस प्रकार से कार्यशैली दिख रही है उससे यह नजर आने लगा है कि 18 साल तक एमपी की जनता में जो आवरण चढ़ा था उसे उतारने के लिए भगवान महादेव के महीने श्रावण मास से और कोई नहीं हो सकता। महिलाओं ने विधानसभा चुनाव में यह बात तो पहले ही साबित कर दिया है कि सत्ता की चावी उन्ही के हाथ है। लिहाजा उस चावी की डोर को अब सीएम यादव ने अपने हाथ में एक भाई की तरह थाम लिया है। और पूरे सावन के महीने को लाड़लियों के नाम करते हुए आए दिन नई-नई योजनाएं और घोषणाएं कर रहे हैं। हर जिले और विधानसभा में लगातार बहनों से न सिर्फ राखी बंधवा रहे हैं बल्कि उन्हे उपहार भी दे रहे हैं। 1250 रुपये की मासिक किस्त हो या रक्षाबंधन पर शगुन के 250 रुपये हों या फिर नगर निगम और नगर पालिका की महिलाओं के मानदेय बढ़ाने का मामला हो। किसी भी घोषणा में सीएम यादव कहीं भी पीछे नहीं हैं। काल के प्रभाव में क्या हुआ उसको भूलते हुए सीएम यादव अपने राजनीतिक कद को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। लाड़ली बहनों को खुश करने के लिए सीएम यादव हर वो काम कर रहे हैं जिससे लड़ली बहनें खुश रहें। इतना ही नहीं सीएम यादव ने भांजियों को भी साधने के लिए कदम बढ़ाते हुए देश के इतिहास में अब तक जो नहीं हुआ वो भी कर दिया। मुख्यमंत्री ने 25 रुपये महीने के हिसाब से हर भांजी के खाते में सेनेटरी पैड के लिए 300 रुपये ट्रांसफर कर दिया है। यानि भांजियां साल भर सरकार द्वारा दिए सेनेटरी पैड की राशि का इस्तेमाल कर सकती हैं उन्हे उसके लिए परिजनों से पैसे मांगने की भी जरुरत नहीं है। आने वाले कुछ दिनों में सीएम यादव कुछ और भी बड़ी योजनाएं लेकर आने वाले हैं जो सभी को हैरान करने वाली होंगी।
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