शासकीय कर्मचारियों के डीए पर भारी पड़ रहा राज्य सरकार का कर्ज,लाड़ली बहना योजना ने बढ़ाई समस्या

Aug 27, 2024 - 09:27
 0  165
शासकीय कर्मचारियों के डीए पर भारी पड़ रहा राज्य सरकार का कर्ज,लाड़ली बहना योजना ने बढ़ाई समस्या

प्रदेश की मोहन सरकार कर्ज के बोझ तले इतना दबी है कि शासकीय कर्मचारियों का डीए देने का फैसला नहीं कर पा रही है। फिलहाल शासकीय कर्मचारियों को 46 फीसदी मंहगाई भत्ता मिलता है और केन्द्रीय कर्मचारियों को 50 फीसदी मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है। केन्द्र केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में एमपी के शासकीय कर्मचारियों को प्रतिमाह चार से पांच हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। दरअसल सरकार ने अलग-अलग योजनाएं शुरु कर अपना खर्च बढ़ा लिया है। जिसके कारण उसे हर काम के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार सरकार इस वित्त वर्ष में करीब 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। यानी इस वित्त वर्ष की समाप्ति पर मध्यप्रदेश पर 5 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज हो जाएगा। पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के कार्यकाल में दनादन कर्ज लिया गया वही सिलसिला अभी भी जारी है। मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार के गठन के 8 माह हुए हैं. इस दौरान सरकार 5वीं कर्ज लेने की तैयारी में है। ये 5 हजार करोड़ का कर्ज जन्माष्टमी तक मिल जाएगा। आंकड़ों के अनुसार मोहन यादव सरकार ने 23 जनवरी 2024 को 2500 करोड़ का कर्ज लिया। फिर 7 फरवरी को 3 हजार करोड़ का कर्ज उठाया। इसके बाद 22 मार्च को फिर 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया. 01 अगस्त को सरकार ने फिर 5 हजार करोड़ का लोन लिया। मध्यप्रदेश पर 31 मार्च 2024 तक वित्त वर्ष में 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज था. एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक बीजेपी सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज उठाया। 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक था। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार की कई योजनाएं इतनी महंगी हैं कि बगैर कर्ज लिए गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती है. लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, तीर्थ दर्शन योजना, रामपथ गमन क्षेत्रीय विकास, पीएम जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत आदि योजनाओं पर सरकार का अधिकांश बजट खर्च हो रहा है। मध्यप्रदेश में मास्टर स्ट्रोक साबित हुई लाड़ली बहना योजना से बजट गड़बड़ा रहा है. भले ही इस योजना के दम पर बीजेपी ने फिर से सत्ता में धमाकेदार वापसी कर ली है. लेकिन वित्तीय प्रबंधन संभालने में सरकार को पसीने छूट रहे हैं. लाड़ली बहना योजना में सरकार को हर माह करीब 1,600 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है. लाड़ली बहना योजना का असर है कि सरकार को विकास के कई कार्यों को या तो रोकना पड़ा या कोई और बहाना बनाना पड़ा. मध्यप्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर वरिष्ठ पत्रकार योगी योगराज कहते हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow