आउटसोर्स कर्मचारियों की बदलेगी किस्मत,सही वेतन और अन्य सुविधाएं देने पर श्रम विभाग बना रहा योजना,एजेंसियों पर होगी सरकार की नजर

मध्य प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों पर अब राज्य सरकार ने ध्यान देना शुरु कर दिया है और इसी को देखते हुए श्रम कानूनों के अंतर्गत वेतन और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए श्रम विभाग ने आदेश जारी किए हैं। एजेंसियों को श्रम विभाग में पंजीयन कराना होगा। इससे कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, बोनस, बीमा और भविष्य निधि का लाभ मिलेगा। न्यूनतम मजदूरी की दरें भी तय की गई हैं। प्रदेश के विभिन्न शासकीय-अर्द्धशासकीय विभागों में कार्यरत एक लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों को श्रम कानूनों का लाभ आउटसोर्स एजेंसियों को देना होगा। इसके लिए उन्हें श्रम विभाग में पंजीयन कराकर लायसेंस लेने के साथ ही निर्धारित वेतन और सुविधाएं देनी होंगी। इस बारे में श्रम विभाग ने सभी विभागों को श्रम कानूनों के अंतर्गत व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं। विद्युत वितरण कंपनियों सहित विभिन्न विभागों में आउटसोर्स पर कर्मचारी रखकर काम चलाया जा रहा है। आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से इन्हें रखा जाता है पर श्रम कानूनों के तहत लाभ नहीं दिए जाने की शिकायतें मिलती हैं। इसे देखे हुए श्रम विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों को आदेश दिए हैं कि आउटसोर्स एजेंसियों का पंजीयन कर लायसेंस लेना अनिवार्य किया जाए ताकि श्रम कानूनों का उल्लंघन हो तो कार्रवाई की जा सके।
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