मंत्री न बन पाने की खीझ अब ‘अदावत से बगावत’ में हो रही तब्दील, बुंदेलखंड भाजपा में ‘गृह युद्ध’ की बन रही स्थिति, फूल छाप कांग्रेसी बन रहे ‘विभीषण’

कांग्रेस से भाजपा में आए लाखों कार्यकर्ताओं का साइड इफेक्ट अब धीरे-धीरे दिखने लगा है| भाजपा के नेता कांग्रेस नेताओं के आगे खुद को असुरक्षित समझने लगे हैं| दरअसल जब यह खेल साल 2020 में शुरु हुआ था बत बात सत्ता पाने की थी लेकिन उस वक्त किसी को यह नहीं मालूम था कि थोक में आए नेताओं और कार्यकर्ताओं के कारण भाजपा के मूल कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस करने लगेंगे| आखिर अब हो भी यही रहा है जिस प्रकार से बुंदेलखंड की राजनीति में देखने को मिल रहा है उससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं और मूल कार्यकर्ताओं के बीच गृह युद्ध की स्तिति बन गई है| भूपेन्द्र सिंह भाजपा के कद्दावर नेताओं में माने जाते हैं लंबे समय से वो सरकार में मंत्री रहे हैं लेकिन इस बार उन्हे मंत्रिमंडल से ऐसे बाहर निकाल दिया गया जैसे दूध में पड़ी मक्खी हों| सालों तक लाव लस्कर में चलने वाले ने कुछ समय तो चुप रहे लेकिन अब उनके सब्र का बांध फूटने लगा है| यही कारण है कि पहले उन्होने सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस उनके फोन टेप कर रही है जिसकी शिकायत उन्होने बकायदा उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला से की| बात इतने में नहीं बनी तो उन्होने कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं पर टिप्पड़ी करते हुए कहा कि भाजपा का संगठन कांग्रेसी नेताओँ को बर्दास्त कर सकता है लेकिन वो उन कांग्रेसियों को स्वीकार नहीं करेंगे| भूपेन्द्र सिंह की इन बातों में सरकार और संगठन दोनों के कान खड़े कर दिए| जिस प्रकार खुले मंच में भूपेन्द्र सिंह ने यह बयान दिया उससे यह स्पष्ट हो गया कि अब वो गोविंद सिंह राजपूत से चल रही अपनी अदावत को बगावत के रुप में तब्दील करने के मूड में आ गए हैं| हांलाकि भूपेन्द्र सिंह ने इस प्रकार का रवैया उस वक्त अपनाया जब कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया| दरअसल भूपेन्द्र सिंह को लगा था कि जब वो फोन टेपिंग जैसे मामले को उठाएंगे तो उसके बाद विपक्ष में बैठी कांग्रेस अपना काम करेगी लेकिन कांग्रेस नेताओँ ने इस पूरे मामले में कोई खास रुचि नहीं ली जिसके बाद भूपेन्द्र सिंह को दिवाली मिलन समारोह के दौरान कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं पर सीधा अटैक करना पड़ा| Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार बुंदेखलखंड में चल रहे भाजपा के गृह युद्ध की जानकारी अब मप्र भाजपा ने दिल्ली हाई कमान को भेजी है जिसके बाद अब पूरे मामले में केन्द्रीय नेतृत्व से सुनवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है|
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