खतरे में लाखों संविदा कर्मियों का भविष्य,मोहन सरकार ने संविदा कर्मियों के सामने रखी बड़ी शर्त,अब क्या करेंगे संविदा कर्मी
प्रदेश भर में करीब 38 विभागों में काम कर रहे लाखों की संख्या में संविदा कर्मियों (samvida workers) के सामने मोहन सरकार (mohan government) ने उनके भविष्य को चिंता खड़ी कर दी है। अभी तक यह संविदा कर्मी (Samvida) सिर्फ इस बात को लेकर परेशान थे कि रिटायर होने के बाद उन्हे पेंशन नहीं मिलेगी तो उनका गुजारा कैसे होगा। उससे पहले ही मोहन सरकार ने संविदा कर्मियों को खुद के भविष्य के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल संविदा कर्मियों को नियमित होना है तो उन्हे परीक्षा में उत्तीर्ण होना होगा। और सबसे बड़ी बात यह है कि परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए उन्हे कम से कम 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा। अगर कोई अभ्यर्थी 50 फीसदी से कम अंक लेकर आता है तो उसे नौकरी से भी निकाला जा सकता है। मतलब साफ है अलग-अलग विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को अगर नौकरी में बने रहना है तो उन्हे किसी भी हालत में 50 फीसदी से ज्यादा का अंक लाना अनिवार्य होगा। करीब तीन घंटे के पेपर में डेढ़ सौ अंक लाने होंगे। अगर कोई अभ्यर्थी 50 पीसदी से कम अंक लेकर आया तो उसे अनुत्तीर्ण माना जाएगा।
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