शासकीय कर्मचारियों को पदोन्नति और वेतन लाभ कब मिलेगा अभी तक तय नहीं कर पाई सरकार

मप्र की मोहन सारकार ने नाराज शासकीय कर्मचारियों को खुश करने की योजना तो बना ली है लेकिन अभी तक उनकी पदोन्नति और वेतन लाभ के बारे में कोई भी रणनीति तैयार नहीं कर पाई है। दरअसल सरकार ने पदोन्नति बंद होने के कारण कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर उच्च पदों का प्रभार तो दिया लेकिन आर्थिक लाभ नहीं दिया। ऐसे में अब पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ होगी तो वेतन लाभ 2016 से दिया जाए या फिर आदेश के समय से,इस पर कोई राय नहीं बन पा रही है। प्रदेश में पदोन्नति नियम 2002 के निरस्त होने के बाद साल 2016 से पदोन्नति बंद है। सेवानिवृत्त होते रहने और पदोन्नति न होने के कारण उच्च पद रिक्त होते जा रहे थे। इसे देखते हुए उच्च पद का प्रभार देकर काम तो चलाया गया लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों को आर्थिक लाभ नहीं हुआ। प्रभार संबंधी आदेश में इसका उल्लेख किया गया कि आर्थिक लाभ नहीं दिया जाएगा और न ही वो इसका दावा कर सकेंगे। लेकिन कर्मचारी आश्वस्त हैं सरकार उन्हे निराश नहीं करेगी और उन्हे हक मिलेगा। हांलाकि वेतन लाभ का मामला अचका हुआ है। यह कब से दिया जाए इसके लेकर शासन स्तर पर कोई राय नहीं बनी है। Mukhbir को मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ अधिकारी चाहते हैं कि जिस दिन से पदोन्नति दी जाए उसी दिन से उन्हे वेतन का लाभ भी मिले। फिलहाल इस पूरे मामले में अभी तक अंतिम राय नहीं बन पा रही है जिसके कारण पूरे मामले में संशय की स्थिति बनी हुई है।
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