'किसान कल्याण निधि' भूल कर 'जन कल्याण' पर्व मना रही प्रदेश की सरकार,किसानों को नहीं मिली राज्य सरकार की राशि
मप्र सरकार किसानों के कल्याण की बात करती है जबकि राज्य सरकार की तरफ से किसानों को मिलने वाली किसान कल्याण निधि को होल्ड कर दिया गया और किसी ने इस बात पर ध्यान भी नहीं दिया है। पूर्व की शिवराज सरकार में किसान कल्याण निधि के तहत साल में तीन बार दो-दो हजार रुपये की किस्त किसानों के खाते में डाली जाती थी। ठीक इसी प्रकार केन्द्र की मोदी सरकार किसान सम्मान निधि के रुप में किसानों को साल में छह हजार रुपये देती है जिसके तहत तीन किस्तों में पीएम मोदी किसानों को दो-दो हजार करके छह हजार रुपये की राशि किसानों के खाते में आनलाइन ट्रांसफर करते हैं। उसी तर्ज में तत्कालीन शिवराज सरकार ने किसान कल्याण के नाम से योजना का आगाज किया था। केन्द्र और राज्य सरकार को मिला कर किसानों को साल में 12 हजार रुपये खेती के लिए मिला करते थे। अब प्रदेश में डॉ. मोहन के नेतृत्व की सरकार है जिसने साल भर में एक किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर की है। उसके बाद कोई किस्त नहीं डाली गई है। इस वक्त प्रदेश की मोहन हरकार एक साल पूरे होने पर जन कल्याण पर्व मना रही है और 'किसान कल्याण' को सरकार भूल गई है।
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